छत्तीसगढ़ विधानसभा: सरकार ने साल भर में शराब से 5,525 करोड़ से ज्यादा कमाए

छत्तीसगढ़ सरकार ने करीब साल भर में शराब से पांच हजार पांच सौ पच्चीस करोड़ से ज्यादा कमाए हैं. विधानसभा में आज विधायक सौरभ सिंह के एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी गई. छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का यह  तीसरा दिन है.
छत्तीसगढ़ विधानसभा: सरकार ने साल भर में शराब से 5,525 करोड़ से ज्यादा कमाए

रायपुर| छत्तीसगढ़ सरकार ने करीब साल भर में शराब से पांच हजार पांच सौ पच्चीस करोड़ से ज्यादा कमाए हैं. विधानसभा में आज विधायक सौरभ सिंह के एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी गई. छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का यह  तीसरा दिन है.

विधायक सौरभ सिंह ने विधानसभा में सरकार से  पूछा कि आबकारी विभाग से कितनी राजस्व की प्राप्ति हुई ? पिछले 3 वित्तीय वर्ष और वर्तमान वित्तीय वर्ष 6 फरवरी 2023 तक आबकारी विभाग से कितना राजस्व मिला है? उन्होंने इसकी सालाना जानकारी मांगी.

जवाब में बताया गया कि साल 2019-20 4952.79 (चार हजार नौ सौ बावन करोड़ उन्यासी लाख), 2020-21 4636.90 (चार हजार छः सौ छत्तीस करोड़ नब्बे लाख), साल 2021-22 5110.15 ( पांच हजार एक सौ दस करोड़ पंद्रह लाख), साल  2022-23 (01.04.2022 से 06.02.2023 तक) 5525.99 (पांच हजार पांच सौ पच्चीस करोड़ निन्यावे लाख) का राजस्व मिला है.

शून्यकाल में  भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने स्थगन के दौरान अनुकंपा नियुक्ति को लेकर धरने पर बैठी महिलाओं के मुंडन कराने का मामला जोरशोर से उठाया.  सफाई कर्मचारियों के मांगों पर भी विपक्ष ने स्थगन पर चर्चा की मांग की.

वहीं  कर्मचारियों के नियमितीकरण मुद्दे पर   भाजपा ने स्थगन प्रस्ताव लाया. उपाध्यक्ष ने इस पर असहमति जताई.  विपक्षी सदस्यों ने जमकर नारेबाजी शुरू कर दी.  जिसके बाद सदन की कार्यवाही 12.52 बजे 5 मिनट के लिए स्थगित किया गया.

सदन में प्रश्नकाल में धरमलाल कौशिक और स्वास्थ्य मंत्री TS सिंहदेव के बीच तीखी बहस देखने को मिली. कौशिक ने दुर्ग में मेडिकल मशीनरी खरीदी के दस्तावेजों में गड़बड़ी कर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है.  सिंहदेव ने जवाब देते हुए कहा कि सभी डॉक्यूमेंट उपलब्ध करा दिए जाएंगे, जांच की जरूरत नहीं है.

विधायक रजनीश सिंह ने पूछा  कि प्रदेश में कितने बेरोजगार पंजीकृत हैं ? उच्च शिक्षा मंत्री से सवाल करते हुए पूछा है कि प्रदेश में कितने रोजगार चाहने वाले या शिक्षित बेरोजगार पंजीकृत हैं. इनमें से कितने लोगों को शासकीय या निजी क्षेत्रों में रोजगार मिला.

लिखित जवाब में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने जानकारी दी, कि जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र की ओर से बेरोजगारों का पंजीयन नहीं किया जाता, बल्कि रोजगार चाहने वाले व्यक्तियों का रजिस्ट्रेशन किया जाता है. पंजीकृत व्यक्तियों को 3 वर्ष तक रखा जाता है. 7 फरवरी 2023 की स्थिति में 18 लाख 79,126 लोग रजिस्टर्ड हैं.  2019 से अभी तक कुल 33,333 लोगों को सरकारी क्षेत्रों में और 50,725 लोगों को निजी क्षेत्र में नौकरी दी जा चुकी है.

 

 

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