जगदलपुर| पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम (Arvind Netam) का कहना है कि नक्सलवाद एक राष्ट्रीय समस्या है। इसे लेकर हर पार्टी की अपनी नीति होनी चाहिये। छग को केंद्र सरकार की नागपुर से तय नीति से नहीं चलना चाहिए|
उनका कहना था, 17 मई को सिलगेर में निर्दोष ग्रामीणों पर फायरिंग की घटना दुखद है। पुलिस इसे टाल सकती थी। इस घटना की मैं निंदा करता हूं|
अरविंद नेताम ने मीडिया से चर्चा में कहा कि पुलिस द्वारा सिलगेर की घटना को क्रॉस फायरिंग बताना गले से उतरनेवाला नहीं है। क्योंकि किसी भी आंदोलन में जहां सैकड़ों की मौजूदगी हो और फोर्स तैनात हो वहां नक्सली हथियार लेकर आने की जोखिम नहीं ले सकता ।
अरविंद नेताम (Arvind Netam) ने कहा, नक्सलवाद को लेकर सरकारों की नीति रिमोट कंटोल की न होकर वास्तविकता को समझ बुझ कर नीति बनानी चाहिए जिसके अभाव दिखता है। नक्सलवाद एक राष्ट्रीय समस्या है। इसे लेकर हर पार्टी की अपनी नीति होनी चाहिये। छग को केंद्र सरकार की नागपुर से तय नीति से नहीं चलना चाहिए|
पूर्व केंद्रीय मंत्री का कहना था, प्रशासन को ग्रामीणों की मांग और जरूरत का भान होना चाहिए जबकि प्रशासन 70 सालों बाद भी उन्हीं से पूछ रहा है कि क्या चाहिए। पुलिस केम्प खोलने से पहले गांव वालों से सलाह मशविरा जरूर करना चाहिए। प्रशासन व प्रजातंत्र की इसी कमजोरी का नक्सली फायदा उठा रहे हैं। इस कमी को दूर करने से कई नक्सल समस्याएं स्वयं खत्म हो जाएंगी ।
अरविंद नेताम (Arvind Netam) ने सरकारी कामकाज में सार्थक बदलाव की बात भी करते हुए कहा कि राजस्व रिकार्ड आज भी दुरुस्त नहीं है। क्योंकि उच्चाधिकारियों सही जानकारी से अनभिज्ञ होते हैं| प्रशासनिक अधिकारियों को सेवाकाल के प्रारम्भ से ही हर स्तर पर इसका प्रशिक्षण गम्भीरता से देना चाहिए जिसकी कमी व लापरवाही दिखती है।