मौत के बाद भी देखती रहेंगी लक्ष्मणा की आँखें, किया था नेत्र दान

मौत के बाद भी लक्ष्मणा की आँखें दूसरे की रोशनी बन कर देखती रहेंगी। निधन के बाद उनकी इच्छा अनुसार उनके नेत्र दान के संकल्प को उनके परिजनों शुभचिंतन्को ने पूरा किया। ज्ञात हो कि स्व लक्ष्मणा दुबे के पति 10 वर्ष पूर्व ही स्वर्ग सिधार चुके है।

पिथौरा। मौत के बाद भी लक्ष्मणा की आँखें दूसरे की रोशनी बन कर देखती रहेंगी। निधन के बाद उनकी इच्छा अनुसार उनके नेत्र दान के संकल्प को उनके परिजनों शुभचिंतन्को ने पूरा किया। ज्ञात हो कि स्व लक्ष्मणा दुबे के पति 10 वर्ष पूर्व ही स्वर्ग सिधार चुके है। इसके बाद से ही स्व लक्ष्मणा गायत्री मंदिर में ही रह कर सेवा कार्य करती रही। उनके परिवार में और कोई सदस्य नही होने से उन्होंने स्वयम ही नेत्रदान हेतु आवेदन किया था।

बसना निवासी नरसिंह दुबे के निधन के कोई 10 बरस बाद उनकी पत्नी लक्ष्मणा दुबे की भी अचानक मृत्यु हो गयी लगातार गायत्री मंदिर में ही निवास करने के कारण बसना का महिला मण्डल ही उनकी देखरेख में जुटा रहा।आकस्मिक मृत्यु के पश्चात बसना की महिला मंडल ने स्व लक्ष्मणा की इक्षानुसार नेत्रदान करवा दिया।इस पूरे कार्य मे मारवाड़ी युवा मंच बसना उन्नति शाखा और अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन बसना के संयुक्त प्रयासों से,अग्रवाल हॉस्पिटल से डॉ भारती की टीम,सरकारी अस्पताल के डॉ विद्या सागर,आंध्रप्रदेश तेलंगाना के पूर्व प्रांतीय नेत्रदान संयोजक ,वर्तमान के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेश जैन के मार्गदर्शन एवं सहयोग से  एवं अरविंदो आई बैंक रायपुर के सहयोग से नेत्रदान का कार्य संपन्न हुआ किया गया।इसमें अमर सुल्तानिया,नेत्रदान ,अंगदान ,देहदान प्रांतीय संयोजक ,रीना अग्रवाल कार्यक्रम निदेशक, मनीष अग्रवाल,प्रांतीय चेयर मेन,विनय अग्रवाल , प्रांतीय सदस्य आकाश अग्रवाल, प्रांतीय सदस्य प्रदीप सोनी सहित छत्तीसगढ़ प्रांतीय मारवाड़ी युवा मंच का सहयोग रहा।

Comments (0)
Add Comment