जन्माष्टमी: विपरीत हालातों से जूझते डॉक्टर के जज्बे ने इस नन्हें कृष्ण को दिया नया जन्म

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लाक के  ग्राम ठाकुरदिया खुर्द में पिता द्वारा अपने ही पुत्र की आंखें  फोड़ने की घटना के बाद नगर के डॉक्टरों एवम समाजसेवियों की सेवा भावना, मानवता की बेहतरीन मिशाल है.

विशेष संवाददाता

महासमुन्द|  छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लाक के  ग्राम ठाकुरदिया खुर्द में पिता द्वारा अपने ही पुत्र की आंखें  फोड़ने की घटना के बाद नगर के डॉक्टरों एवम समाजसेवियों की सेवा भावना, मानवता की बेहतरीन मिशाल है. डाक्टरों के मुताबिक जय कुमार की आँखों की रौशनी लौट आएगी, आज इस जन्माष्टमी, यह खबर कानों को सुकून देने वाली है. विपरीत हालातों से जूझने वाले नगर के एक डॉक्टर और युवकों के जज्बे से इस नन्हें कृष्ण (जय) को एक नया जन्म दिया है.

बता दें  सोमवार को ठाकुर दिया खुर्द में घटित इस लोमहर्षक घटना को देखने सुनने वाले भी सिहर उठे थे. घटना के बाद नगर के कुछ समाजसेवियों ने जिस तरह मासूम को बचाने की मशक्कत की यकीनन वह मानवता की एक बड़ी मिशाल है.

इसे भी पढ़ें : छत्तीसगढ़: बाप ने चाकू से 5 बरस के बेटे की दोनों आँखें फोड़ीं

सोमवार की रात कोई साढ़े नो बजे जब 5 वर्षीय मासूम जय सिन्हा को पिथौरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था. रात्रिकालीन ड्यूटी में तैनात डॉ अवनीश कौर ने मासूम जय को देखते ही तत्काल उसका प्रथम उपचार प्रारम्भ किया. इस सम्बंध में डॉ. अवनीश कौर बताती है कि उपचार करते हुए उसके जेहन में यही बात थी कि किसी भी तरह मासूम के आँखों की रोशनी  बचानी है.

डॉ अवनीश कौर

इस सोच के साथ उसने तत्काल अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज के नेत्ररोग विशेषज्ञ प्रोफेसर डॉ अभिजीत जैन को कॉल कर उन्हें बच्चे की आंख की तस्वीर भेज कर सलाह ली. इस पर डॉ जैन ने डॉ अवनीश को सलाह दी कि इस अवयस्क मरीज का  24 घण्टे के अंदर ऑपरेशन कर उसकी आंख बचाई जा सकती है.

जय पिथौरा अस्पताल में प्रथम उपचार के बाद

डॉ. जैन की सलाह पर डॉ. अवनीश ने तत्काल 112 में काल कर एम्बुलेंस बुलाने का प्रयास किया. परन्तु 112 के काल नहीं उठाने के कारण एक निजी एम्बुलेंस चालक अनमोल को काल कर बुलाया. निजी एम्बुलेंस वाले ने किराये की बात की तब डॉ अवनीश ने स्वयम किराया देने की पेशकश की. जिससे मासूम को तुरंत जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा जा सके.

इधर खून से लथपथ मासूम मरीज और उसके साथ अति गरीब 70 वर्षीय दादी की हालत और हिम्मत देख कर एम्बुलेंस चालक ने भी डॉक्टर से किराया लेने से इंकार कर दिया.

इसके बाद डॉ. अवनीश ने मेकाहारा रायपुर में अपने बेच के डॉक्टरों को कॉल कर उसे रात में ही तत्काल भर्ती कर उपचार प्रारम्भ करवा दिया. सुबह नेत्र रोग विशेषज्ञ टीम ने पहले बांयी आंख का ऑपरेशन कर उसे सफल बताया है. अब जल्द ही दाहिनी आंख के ऑपरेशन के बाद मासूम के आंखों की रोशनी लौटने की संभावना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों ने व्यक्त की है.

मेकाहारा रायपुर में पहले आपरेशन के बाद जय

  राजेश व्यवस्था में जुटे रहे

राजेश चौधरी

नगर के समाजसेवी राजेश चौधरी उक्त घटना के बाद रात से ही एम्बुलेंस हेतु प्रयासरत थे. रात कोई साढ़े दस बजे डॉक्टर द्वारा एम्बुलेंस की व्यवस्था करवाने के बाद राजेश चौधरी स्वयम रायपुर पहुँच कर जय की ओडिशा निवासी बुआ को पिथौरा के कुछ समाजसेवियों द्वारा दी गयी आर्थिक सहायता देकर लगातार पीड़ित परिवार के सम्पर्क में रह कर उपचार में सहयोग कर रहे हैं.

 

बहरहाल, पिथौरा नगर में मेडिकल स्टाफ से समाजसेवियों तक सभी के सहयोग से एक लोमहर्षक घटना में आंख गंवाने की संभावना को दरकिनार कर मासूम के आंखों की रोशनी वापसी की ओर है. क्षेत्र में इस सामूहिक प्रयास की व्यापक  चर्चा  हो रही है, सुनने वाले सराहना करते चुक नहीं रहे.

 

 

देखें वीडियो : पहले चरण के आपरेशन के बाद मासूम जय 

 

Dr. Avnish KaurJanmashtamiPithora Community Health Centerजन्माष्टमीजय कुमारडॉ अवनीश कौरपिथौरापिथौरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
Comments (0)
Add Comment