भागवत कथा से पिथौरा का वातावरण धर्म मय

चैत्र नवरात्रि की धूम और दो स्थानों पर हो रही भागवत कथा के कारण पिथौरा का पूरा वातावरण धर्म मय हो गया है।
भागवत कथा से पिथौरा का वातावरण धर्म मय

पिथौरा | परमेश्वरी धाम मंदिर पिथौरा  में नवरात्रि के अवसर पर श्रीमद भागवत कथा आयोजित की गई है। अल्पायु कथा वाचिका जया गौतम व्यास पीठ द्वारा  रोचक ढंग से कथा सुना रही हैं। चैत्र नवरात्रि की धूम और नगर में दो स्थानों पर हो रही भागवत कथा के कारण पूरा वातावरण धर्म मय हो गया है।

श्रीमद्भागवत कथा में प्रसंगो के अनुकूल निकाली जा रही झांकियां लोगों का मन मोह रही हैं वहीं व्यासपीठ से गाए जा रहे भजनों में लोग झूमते हुए कथा का आनंद ले रहे हैं।

मूलतः चित्रकूट की रहने वाली जया गौतम पिछले कुछ अर्से से पिथौरा में निवास कर रही हैं और पहली बार व्यास पीठ पर विराजित है।

आज कथा के छठवें दिन उन्होंने गिरिराज मर्दन की कथा सुनाते हुए कहा कि परंपरागत रूप से हो रही इंद्र की पूजा को बंद करा कर गिरिराज का पूजन करते हुए भगवान कृष्ण के द्वारा यह संदेश दिया गया कि कर्म ही व्यक्ति को पूर्ण बनाता है व्यक्ति को पूजनीय बनाता है या उसे आलोचना के योग्य बनाता है अतः समाज में कर्म की महत्ता को प्रतिस्थापित करने के लिए ही श्री कृष्ण ने गिरिराज पूजन का शुभारंभ किया।

उन्होंने कहा कि जो लोग धर्म की रक्षा में अपना सर्वस्व कुर्बान कर देते हैं धर्म उनकी रक्षा अवश्य करता है धर्मो रक्षति रक्षित:। कथा को आगे बढ़ाते हुए महारास के प्रसंग पर जया गौतम ने कहा कि स्वयं कामदेव के मान मर्दन के लिए भगवान कृष्ण ने शरद पूर्णिमा के अवसर पर महारास का भव्य आयोजन किया। महारास वस्तुतः सात्विक मनोवृति की पराकाष्ठा है यह पवित्र आत्माओं का मिलन है।

परमेश्वरी धाम मंदिर में प्रतिपदा से प्रारंभ भागवत कथा 10 अप्रैल रामनवमी के दिन तक अनवरत रूप से चलेगी| संगीतमय इस आयोजन में संगीत मंडली वृंदावन से आई हुई है | राम गोपाल जी एवं राजेश्वर जी आचार्य पीठ पर विद्यमान है सुमधुर संगीत और आध्यात्मिक भजनों से पूरा पांडाल सराबोर हो गया है|

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