कोल खदान के विरोध और समर्थन  में शक्ति प्रदर्शन की कोशिश, टला टकराव  

विकास खंड उदयपुर अंतर्गत आने वाले ग्राम परसा स्थित परसा ईस्ट एवं केते बासेन कोल खदान के समर्थन और विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों ने बुधवार को लोगों को इक्ट्ठा कर शक्ति प्रदर्शन करने की कोशिश की परंतु प्रशासन की सजगता और पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती से दोनों ही पक्षों के बीच टकराव होने से बच गया.
कोल खदान के विरोध और समर्थन  में शक्ति प्रदर्शन की कोशिश, टला टकराव   

उदयपुर| विकास खंड उदयपुर अंतर्गत आने वाले ग्राम परसा स्थित परसा ईस्ट एवं केते बासेन कोल खदान के समर्थन और विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों ने बुधवार को लोगों को इक्ट्ठा कर शक्ति प्रदर्शन करने की कोशिश की परंतु प्रशासन की सजगता और पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती से दोनों ही पक्षों के बीच टकराव होने से बच गया.
विदित हो कि परसा कोल खदान के विरोध में सैकड़ों ग्रामीण विगत 02 मार्च 2022 से ग्राम फतेहपुर में अपना आंदोलन जारी रखे हुए है. हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले आयोजित उक्त आंदोलन को देश विदेश के लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है.

खदान के विरोध में बैठे लोगों ने चर्चा के दौरान बताया कि  जल जंगल जमीन को बचाने हम ग्रामीणों का संघर्ष लगातार जारी है शासन द्वारा परसा खदान निरस्त करने का लिखित आश्वासन के बाद ही आंदोलन समाप्त होगा. बुधवार को खदान विरोधी सैकड़ो लोगों ने धरना स्थल से साल्ही मोड़ तक रैली आयोजन की कोशिश कर रहे थे. परंतु तहसीलदार सुश्री चंद्रशिला जायसवाल, एस डी ओ पी अखिलेश कौशिक और थाना प्रभारी निरीक्षक कुमारी चंद्राकर ने रैली को धरना स्थल से कुछ दूरी पर रोक कर उन्हे धरना स्थल वापस कर दिया. जहां प्रदर्शनकारियों ने आम सभा का आयोजन कर किसी भी स्थिति में परसा कोल खदान नहीं खुलने देने की बात कही है.

 

वहीं दूसरी ओर खदान के समर्थकों द्वारा बुधवार को ही एक कार्यक्रम का आयोजन कर रैली की कोशिश की गई परंतु इन लोगों को भी पुलिस प्रशासन ने रैली नहीं करने दिया. कोल खदान का समर्थन करने वाले लोगों ने बताया कि आने वाले 1 अक्टूबर से कोल खदान का संचालन पूरी तरह से बंद हो जाएगा जिससे यहां हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे.

लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो जाएगा. इसलिए हम कोल खदान में काम करने वाले लोग अपनी आजीविका को बचाने और खदान का निरंतर संचालन जारी रखने के उद्देश्य से उक्त धरना प्रदर्शन और आंदोलन विगत तीन माह से साल्ही मोड़ पर कर रहे हैं, परंतु प्रशासन द्वारा अभी तक इस ओर कोई कार्यवाही नहीं की गई है.

खदान समर्थकों ने रैली नहीं करने देने पर शासन और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की तथा अपनी मांगों का ज्ञापन तहसीलदार उदयपुर को सौंपा.

विदित हो की शासन द्वारा परसा ईस्ट एवं केते बासेन कोल परियोजना राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को दी गई है जिसका संचालन अदानी कंपनी के माध्यम से किया जा रहा है।

deshdigital के लिए रजिंदर खनूजा 

#HasdevParsa East and Kete Bassen Coal Minesकोल खदानपरसा ईस्ट एवं केते बासेन कोल परियोजनाहसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति
Comments (0)
Add Comment