यह केवल हसदेव भर को नहीं पूरी पृथ्वी को सुरक्षित रखने की बात है: लिसिप्रिया

एक दशक से जारी हसदेव अरण्य के आंदोलन को नन्हीं पर्यावरण कार्यकर्ता लिसिप्रिया ने समर्थन दिया. लिसिप्रिया ने कहा यह केवल हसदेव भर को बचाने की बात नहीं है यह पूरी दुनिया को बचाने की बात है. यह पृथ्वी को सुरक्षित रखने की  बात है. 

deshdigital के लिए क्रांति कुमार रावत 

उदयपुरः एक दशक से जारी हसदेव अरण्य के आंदोलन को नन्हीं पर्यावरण कार्यकर्ता लिसिप्रिया ने समर्थन दिया. लिसिप्रिया ने कहा यह केवल हसदेव भर को बचाने की बात नहीं है यह पूरी दुनिया को बचाने की बात है. यह पृथ्वी को सुरक्षित रखने की  बात है.

एक दशक से जारी हसदेव अरण्य के आंदोलन को समर्थन देने पर्यावरण संरक्षण के आंदोलन से जुड़ी मणिपुर की 11 वर्षीय लिसिप्रिया हरिहरपुर पहुंची. धरना स्थल पर उपस्थित सैकड़ों लोगों को सम्बोधित किया.

मंच से उन्होंने इस आन्दोलन के सफल होने तक जुड़े रहकर अपना समर्थन देने की बात कही. उन्होंने एक साथ लड़ेंगे और जीतेंगे का नारा बुलंद किया. उन्होने कहा जंगल है तभी हम हैं.

भारत की बाल पर्यावरण कार्यकर्ता 11 वर्षीया लिसिप्रिया कुंगजाम ने भी हसदेव को बचाने उदयपुर के हरिहरपुर पहुंच कर आमजनों के आंदोलन को अपना सहयोग दिया। मूल रूप से मणिपुर की लिसिप्रिया पर्यावरण के प्रति लगातार समर्पित हैं और विभिन्न देशों में पर्यावरण को सुरक्षित रखने विभिन्न सम्मेलनों, संगोष्ठियों एवं आंदोलनों में हिस्सा लिया है। हसदेव के जंगलों को बचाने कई महीनों से आंदोलन चल रहा है। देश-विदेश से कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया है और यहां आते रहे हैं। अडानी एवं राजस्थान पावर कम्पनी का विरोध यहां पर लगातार जारी है। लिसिप्रिया के यहां पहुंचने पर उसे सुनने और देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में स्थानीय जन हरिहरपुर आंदोलन स्थल पर मौजूद थे।
हिंदी-अंग्रेजी मिश्रित अपने भाषण में लिसिप्रिया ने पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन को लेकर चर्चा किया और आमजनों को स्वस्थ्य पर्यावरण के लिए सचेत किया। हसदेव को बचाने में लोगों के साथ रहने की बात भी उनके द्वारा कही गई। पेड़ पौधों के महत्व को समझाते हुए हुए इन्हें किसी भी सूरत में नहीं कटने देने की बात कही।
लिसीप्रिया के हसदेव बचाओ आंदोलन को समर्थन देने से दुनिया का ध्यान हसदेव पर जाएगा । ग्रामीणों को अब बड़े पैमाने पर विश्व स्तर पर आंदोलन को समर्थन मिलने की उम्मीद जगी है साथ ही बचे हुए करोड़ों पेड़ों को सुरक्षित रखने की आस भी आज लोगों के चेहरे पर देखी गई।
कार्यक्रम को बिलासपुर से आए पर्यावरण कार्यकर्ता प्रथमेश मिश्रा छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के आलोक शुक्ला चंद्र प्रदीप वाजपेई, बीआर कौशिक, श्रेयांश बुधिया, रश्मि बुधिया, साकेत तिवारी अश्विन तिवारी पवन पांडे योगेश गुप्ता सोनू राठौर बाल साय कोर्राम, राजा जय सिंह कुसरो तथा अन्य स्थानीय लोगों ने भी संबोधित किया। उपस्थित लोगों को सभी ने संबोधित करते हुए कहा कि हसदेव के जंगलों को जिस तरह से प्रशासनिक दबाव एवं धोखे से काटा गया है ऐसी स्थिति दोबारा नहीं आने देंगे हसदेव के जंगलों को नहीं कटने देने का संकल्प भी इस दौरान इनके द्वारा लिया गया है।
कार्यक्रम के दौरान सत्यमीत सिंह विजय कोर्राम श्रीपाल बिपाशा, सुनीता सिंह, रामलाल, आनंद तथा सैकड़ों लोग उपस्थित रहे मंच का संचालन जय नंदन सिंह द्वारा किया गया।
लिसीप्रिया के आगमन की सूचना पर पुलिस बल धरना स्थल से थोड़ी दूर मौजूद रहे साथ ही हरिहरपुर सालही तारा इत्यादि जगहों पर भी पुलिस बल सुरक्षा की दृष्टि से तैनात किए गए थे।

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