परसा कोल ब्लॉक के विरोध में राजनीतिक पार्टियां भी अब ग्रामीणों के साथ: देखें वीडियो

सरगुजा जिले के परसा कोल ब्लॉक से दूसरे फेश से कोयला निकालने, और कोयला निकालने के लिए पेड़ों को काटने के आदेश के बाद ग्रामीण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं|  ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए अब राजनीतिक पार्टियां भी ग्रामीणों के साथ दिखने लगे हैं |

उदयपुर| सरगुजा जिले के परसा कोल ब्लॉक से दूसरे फेश से कोयला निकालने, और कोयला निकालने के लिए पेड़ों को काटने के आदेश के बाद ग्रामीण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं|  ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए अब राजनीतिक पार्टियां भी ग्रामीणों के साथ दिखने लगे हैं | ग्रामीणों ने फर्जी ग्राम सभा प्रस्ताव से परसा कोल खदान की स्वीकृति का आरोप लगाते हुए सरकार और परसा कोल ब्लॉक के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गए हैं, और ग्रामीणों को विश्वास है की न्यायपालिका इस मामले में जल्द ही  इस पर रोक लगाएगी ।

महात्मा गांधी और भीमराव अंबेडकर की तस्वीर लगाकर, लड़ेंगे जीतेंगे के नारे के साथ विरोध करते यह ग्रामीण, लगभग 2 माह से परसा कोल ब्लॉक में आने वाले फतेहपुर, हरिहरपुर, साल्हि, तारा, घाटबर्रा, के जंगलों को बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं|

दरअसल केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने परसा कोल ब्लॉक को पर्यावरण के लिए के लिए क्लियरेंस देने के बाद राज्य सरकार की भी अनुमति मिल गई है, जिससे लगभग क्षेत्र में चार लाख पचास हजार पेड़ काटे जाएंगे| इसके  विरोध में ग्रामीण लगभग 2 माह से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं|

ग्रामीणों का कहना है कि परसा कोल ब्लॉक क्षेत्र में आने वाले गांव आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र हैं,, और पेड़ काटे जाने से आदिवासियों के संस्कृति में प्रभाव पड़ेगा| वही आदिवासी जंगल के कई पेड़ो को अपने देवी देवता के रूप में पूजते हैं | साथ ही जंगलों पर ही आदिवासी निर्भर हैं | जंगलों से कई प्रकार के लघु वनोपज मिलता है, जिसका आदिवासी वर्ग उपयोग करता है| साथ ही जंगल मे अधिकतर पेड़ इमारती हैं |

ग्रामीणों का कहना है कि उनसे जल जंगल जमीन छीन ली जाएगी तो वह कहां जाएंगे? बरहाल कोल ब्लॉक के विरोध में आदिवासी ग्रामीण पीछे हटने को तैयार नहीं हैं |

उनका कहना है कि सरकार और कंपनी उन्हें मार दे और उनके जल जंगल जमीन पर कब्जा कर ले, जीते जी वह अपने जल जंगल जमीन को खदान के लिये नहीं देंगे।  पेड़ पौधों को काटने नहीं देंगे, ना ही कोयला निकालने देंगे|

बता दें  ग्रामीणों ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में अर्जी लगाई है, जहां इस मामले में 4 मई को हाईकोर्ट का फैसला सामने आएगा| सरकार और प्रशासन से नाराज ग्रामीण अब हाई कोर्ट के फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और उम्मीद है कि हाईकोर्ट इस मामले में स्टे दे देगी|

हाईकोर्ट परसा कोल ब्लॉक में पेड़ों की कटाई पर सख्त, माँगा जवाब

इधर कोर्ट में मामला जाने के बाद अब परसा कोल ब्लॉक का विरोध कर रहे ग्रामीणों के समर्थन में राजनीतिक पार्टियां भी पहुंच रहे हैं| भारतीय जनता पार्टी की एक कोर कमेटी ने पूर्व सांसद व सरगुजा तथा सूरजपुर के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में ग्रामीणों से मुलाकात कर जंगल में 300 से अधिक काटे गए पेड़ों का भी निरीक्षण किया, और आश्वासन दिया कि भारतीय जनता पार्टी ग्रामीणों के साथ खड़ी है|

छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल सहित उनके कार्यकर्ता भी ग्राम परसा पहुंचे और ग्रामीणों से मुलाकात कर जंगलों का निरीक्षण किया, अमित बघेल ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना भी साधा, और प्रदेश स्तरीय उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी।

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बहरहाल मामला हाई कोर्ट में है, और हाईकोर्ट ने सरकार और प्रशासन को इस पूरे मामले में रिपोर्ट पेश करने का आदेश जारी किया है| ग्रामीणों को उम्मीद है कि जो न्याय सरकार और प्रशासन से उन्हें नहीं मिल पाई,अब न्यायपालिका से मिल सकेगा।

deshdigital के लिए रिपोर्ट  क्रांतिकुमार रावत

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