पहलगाम हमले के बाद भारत सतर्क: 7 मई को हवाई हमले की सायरन और निकासी अभ्यास का आदेश

पहलगाम हमले के बाद भारत सतर्क: 7 मई को हवाई हमले की सायरन और निकासी अभ्यास का आदेश

नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने कई राज्यों को 7 मई (बुधवार) को नागरिक सुरक्षा के लिए अभ्यास करने का निर्देश दिया है. सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस अभ्यास के दौरान हवाई हमले की चेतावनी सायरन बजाए जाएंगे और नागरिकों व छात्रों को शत्रु हमले से बचाव के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा.

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने पर्यटकों पर गोलीबारी कर 26 लोगों की जान ले ली थी, ने देश को हिलाकर रख दिया. इस हमले के बाद भारत ने कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें इंडस जल संधि को निलंबित करना, पाकिस्तानी उड़ानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद करना और अन्य राजनयिक उपाय शामिल हैं. इस बीच, पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर लगातार 11 रातों तक भारतीय चौकियों पर बिना उकसावे की गोलीबारी की है, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया है.

सूत्रों के अनुसार, अभ्यास में ब्लैकआउट उपायों और महत्वपूर्ण संयंत्रों व प्रतिष्ठानों को छिपाने (कैमोफ्लाज) पर ध्यान दिया जाएगा. राज्यों को अपनी निकासी योजनाओं को अपडेट करने और उनके रिहर्सल करने के लिए कहा गया है. कम से कम 244 नागरिक जिले इस मॉक ड्रिल में हिस्सा लेंगे.

केंद्र सरकार ने मंगलवार को केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई है, जिसमें देशव्यापी मॉक ड्रिल की तैयारियों की समीक्षा की जाएगी. अधिकांश राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक में शामिल होंगे. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), रेलवे बोर्ड और वायु रक्षा के प्रतिनिधि भी इस बैठक में हिस्सा लेंगे.

पाकिस्तान, भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई के डर से, अपनी रक्षा तैयारियों को मजबूत कर रहा है. उसने सीमा चौकियों को सुदृढ़ किया है और मिसाइल परीक्षण किए हैं. पाकिस्तानी मंत्रियों ने दावा किया है कि भारत जल्द ही हमला कर सकता है, जिसका उनकी सेना “भारतीय दुस्साहस” के खिलाफ कड़ा जवाब देगी. दूसरी ओर, भारत ने शिमला समझौते को निलंबित करने जैसे जवाबी कदमों का सामना किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जिन्होंने पहलगाम हमले पर कई उच्च-स्तरीय बैठकों की अध्यक्षता की है, ने सशस्त्र बलों को जवाबी कार्रवाई के लिए “पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता” दी है, जिसमें तरीका, लक्ष्य और समय का चयन शामिल है. एक कड़े संदेश में, पीएम मोदी ने हमले के आतंकियों, उनके हैंडलर्स और समर्थकों को “पृथ्वी के छोर तक” खोजकर सजा देने की कसम खाई है.

जैसे-जैसे तनाव बढ़ रहा है, भारत की यह रणनीतिक तैयारी राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति उसकी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है. 7 मई का अभ्यास न केवल नागरिकों को तैयार करने का प्रयास है, बल्कि एक संदेश भी है कि भारत किसी भी खतरे का सामना करने के लिए पूरी तरह सक्षम है.

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