लॉस एंजिल्स प्रदर्शन में ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार पर रबर बुलेट हमला, बोलीं- “कहानियां सुनाना जरूरी”

लॉस एंजिल्स प्रदर्शन में ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार पर रबर बुलेट हमला, बोलीं- “कहानियां सुनाना जरूरी”

लॉस एंजिल्स में आप्रवासन छापों के खिलाफ प्रदर्शन कवर कर रही ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार लॉरेन टोमासी को रबर बुलेट लगी, जिन्होंने बाद में एक प्रेरक संदेश के साथ अपनी सेहत की जानकारी दी.

9 जून 2025 को लॉस एंजिल्स के डाउनटाउन में मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर के पास आप्रवासन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) छापों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान नाइन न्यूज की अमेरिकी संवाददाता लॉरेन टोमासी को रबर बुलेट लगी. वह लाइव प्रसारण कर रही थीं, जब एक पुलिस अधिकारी ने उनकी ओर निशाना साधकर गोली चलाई.

टोमासी ने बताया कि स्थिति तेजी से बिगड़ गई थी, जिसमें लॉस एंजिल्स पुलिस विभाग (एलएपीडी) घोड़ों पर सवार होकर और रबर बुलेट दागकर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर रहा था. गोली लगने के बाद वह दर्द से चीखीं और अपनी टांग पकड़ लीं, लेकिन उन्होंने तुरंत कहा, “मैं ठीक हूं.”

नाइन न्यूज ने बयान जारी कर पुष्टि की कि टोमासी और उनके कैमरामैन जिमी सुरक्षित हैं और अपनी रिपोर्टिंग जारी रखेंगे. घटना 257 ईस्ट टेंपल स्ट्रीट पर हुई, जहां प्रदर्शनकारी आईसीई कार्यालय के खिलाफ जमा थे.

टोमासी ने एक्स पर पोस्ट किया, “सभी के संदेशों के लिए धन्यवाद. मैं थोड़ा दर्द में हूं, लेकिन ठीक हूं. जरूरी कहानियां सुनाते रहना महत्वपूर्ण है.” उन्होंने एक न्यूज रिपोर्ट साझा की, जिसमें लॉस एंजिल्स में हिंसक प्रदर्शनों की स्थिति को दर्शाया गया.

ऑस्ट्रेलिया के विदेश मामलों और व्यापार विभाग ने कहा, “सभी पत्रकारों को सुरक्षित काम करने का अधिकार है. ऑस्ट्रेलिया मीडिया स्वतंत्रता और पत्रकारों की सुरक्षा का समर्थन करता है.”

ग्रीन्स सीनेटर सारा हैनसन-यंग ने इसे “स्तब्धकारी” और “पूरी तरह अस्वीकार्य” बताते हुए प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ इस मुद्दे को उठाने की मांग की.

यह घटना एक दिन पहले ब्रिटिश फोटो पत्रकार निक स्टर्न के घायल होने के बाद हुई, जिन्हें भी गैर-घातक गोली लगी थी.

टोमासी की बहादुरी और समर्पण पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हैं, जो खतरनाक परिस्थितियों में भी सच्चाई सामने लाते हैं. इस घटना ने प्रेस स्वतंत्रता और पत्रकारों की सुरक्षा पर वैश्विक बहस को तेज कर दिया है, जबकि ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने इस मामले में जांच की मांग की है.

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