पूंजीगत व्यय : छत्तीसगढ़ समेत 7 राज्यों ने निर्धारित लक्ष्य हासिल किया

वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही तक के पूंजीगत व्यय के लिए छत्तीसगढ़ समेत 7 राज्यों केरल, मध्य प्रदेश, मेघालय, पंजाब, राजस्थान और तेलंगाना ने वित्त मंत्रालय द्वारा निर्धारित लक्ष्य को हासिल कर लिया है।

नई  दिल्ली | वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही तक के पूंजीगत व्यय के लिए छत्तीसगढ़ समेत 7 राज्यों केरल, मध्य प्रदेश, मेघालय, पंजाब, राजस्थान और तेलंगाना ने वित्त मंत्रालय द्वारा निर्धारित लक्ष्य को हासिल कर लिया है।

पूंजीगत व्यय का एक उच्च गुणक प्रभाव होता है, अर्थव्यवस्था की भविष्य की उत्पादक क्षमता को बढ़ाता है, और इसके परिणामस्वरूप आर्थिक विकास की उच्च दर होती है।

वर्ष 2021-22 के लिए राज्यों के लिए जीएसडीपी के 4% की शुद्ध उधार सीमा (एनबीसी) में से, जीएसडीपी के 0.50 प्रतिशत तक के उधार को 2021-22 के दौरान राज्यों द्वारा किए जाने वाले वृद्धिशील पूंजीगत व्यय के लिए निर्धारित किया गया था। प्रत्येक राज्य के लिए इस वृद्धिशील उधार के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए वृद्धिशील पूंजीगत व्यय का लक्ष्य व्यय विभाग द्वारा निर्धारित किया गया था।

 

बता दें केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण सोमवार, 15 नवंबर, 2021को वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उन राज्यों के वित्त मंत्रियों और केन्द्र – शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों के साथ बातचीत करेंगी।

भारत सरकार के संबंधित मंत्रालयों के सचिव, राज्यों के मुख्य सचिव और वित्त सचिव भी इस सम्मेलन में शामिल होंगे।

कोविड-19 महामारी के दौरान विकास की गति धीमी हो गई थी। हालांकि, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के बाद, अर्थव्यवस्था में फिर से तेजी आई है और उसके उबरने के सकारात्मक संकेत स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। अर्थव्यवस्था के कई संकेतक अब महामारी से पहले के स्तर पर लौट आए हैं। आईएमएफ और विश्व बैंक के अनुमानों में भारत के जीडीपी में वृद्धि क्रमश: लगभग 9.5 प्रतिशत और 8.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद की गई है, जोकि सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।

 

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