गोबर के बाद अब गोमूत्र की संभावनाएं तलाश रहा छत्तीसगढ़

| गोबर के उपयोग को लेकर रोल माडल बनकर उभरा  छत्तीसगढ़ अब कीटनाशक के रूप में गोमूत्र की संभावनाएं तलाश रहा है| सीएम भूपेश बघेल ने कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं |

रायपुर| गोबर के उपयोग को लेकर रोल माडल बनकर उभरा  छत्तीसगढ़ अब कीटनाशक के रूप में गोमूत्र की संभावनाएं तलाश रहा है| सीएम भूपेश बघेल ने कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं |

बता दें छत्तीसगढ़ सरकार  गोबर खरीद रही है और इससे से खाद और बिजली दोनों बनाई जाने लगी है | वहीँ इसके जरिये लोगों को रोजगार मिल रहा है |

सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में कृषि के क्षेत्र में गोमूत्र के वैज्ञानिक एवं व्यवस्थित उपयोग की कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

सीएम ने  मुख्य सचिव को राज्य के कृषि वैज्ञानिकों, गोमूत्र का रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के बदले उपयोग करने वाले कृषकों तथा कामधेनु विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों से चर्चा कर कृषि में गोमूत्र के वैज्ञानिक उपयोग की संभावनाओं के संबंध में कार्ययोजना तैयार कर दो सप्ताह में प्रस्तुत करने को कहा है।

सीएम ने कहा है कि रासायनिक खादों एवं विषैले कीटनाशकों के निरंतर प्रयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति निरंतर कम होती जा रही है।  खेती में रसायनों के अत्यधिक उपयोग से जनसामान्य के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।

छत्तीसगढ़ के गौठानों में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट का उपयोग आरंभ करने के सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं और छत्तीसगढ़ ऑर्गेनिक एवं रिजनरेटिव खेती की ओर आगे बढ़ रहा है। इसी तरह कृषि में जहरीले रसायनों के उपयोग के विकल्प के रूप में गोमूत्र के उपयोग की अपार संभावनायें हैं। राज्य के ही कुछ स्थानों में गोमूत्र के सफलतापूर्वक उपयोग के उदाहरण मौजूद है।

सीएम  श्री बघेल ने कहा कि गोमूत्र के उपयोग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के पूर्व इस दिशा में अब तक देश में हुए शोध का संकलन भी किया जाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि देश में कई जगह गोमूत्र का दवा के रूप में उपयोग होता आ रहा है | छत्तीसगढ़ में कुछ गौ समितियां  गौ गोमूत्र अर्क का निर्माण करती हैं |

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