मध्यप्रदेश के 41 प्रवासी बंधुआ मजदूर मिक्सन कंस्ट्रक्शन कंपनी नोएडा से मुक्त

सेवाभावी संस्था नेशनल कैंपेन कमिटी फॉर इरेडिकेशन ऑफ़ बॉन्डेड लेबर ने छतरपुर मध्यप्रदेश के 41 प्रवासी बंधुआ मजदूरों को मिक्सन कंस्ट्रक्शन कंपनी नोएडा से मुक्त कराया है|  एडीएम गौतम बुध नगर के आदेश पर मुक्त हुए बंधुआ मजदूरों को पुलिस संरक्षण में उनके निवास  एक बस में रवाना किया गया|

रायपुर | सेवाभावी संस्था नेशनल कैंपेन कमिटी फॉर इरेडिकेशन ऑफ़ बॉन्डेड लेबर ने छतरपुर मध्यप्रदेश के 41 प्रवासी बंधुआ मजदूरों को मिक्सन कंस्ट्रक्शन कंपनी नोएडा से मुक्त कराया है|  एडीएम गौतम बुध नगर के आदेश पर मुक्त हुए बंधुआ मजदूरों को पुलिस संरक्षण में उनके निवास  एक बस में रवाना किया गया|

मिली जानकारी के मुताबिक लगभग 3 माह पूर्व दलित समुदाय के मजदूर परिवार सहित दिल्ली पहुंचे तो महेश यादव नाम के ठेकेदार ने इनको अच्छी कंपनी में अच्छे वेतन का वादा करके दिल्ली से नोएडा में स्थित मिक्सन कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम दिलाया।  ठेकेदार ने इसके बदले में अपना कमीशन लिया और भाग गया |

मिक्सन कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठेकेदार ने  इन मजदूरों को  12 घंटे से अधिक प्रतिदिन के हिसाब से बेगारी करवाई। तमाम परिवार अपने बच्चों को भी निर्माणाधीन कार्य में लेकर कठोर परिश्रम करने लगे |

लगातार काम करते 1 माह बाद  मजदूरों ने अपने ठेकेदार से मजदूरी की बात की तो ठेकेदार ने कहा कि आपको खाना पानी मिल रहा है फिर आपको मजदूरी क्यों लेना है ? मजदूरों को लगा कि अब या ठेकेदार उन्हें मजदूरी नहीं देगा तो मजदूरों ने भागने की योजना भी बनाई किंतु वे  बाहर नहीं निकल पाए क्योंकि एक बहुत बड़े गेट में बंद थे।  इस तरह लगभग ढाई माह गुजर गए।

इसी बीच धर्मेंद्र नामक  मजदूर जिसे  2014 में  किसी संगठन ने  मदद की थी, ने अपने  साथियों को इसकी जानकारी दी |

धर्मेंद्र ने नेशनल कैंपेन कमिटी फॉर इरेडिकेशन ऑफ़ बॉन्डेड लेबर को बताया कि लगभग 36 मजदूर है जो कि कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रहे हैं और इनमें बच्चे भी काम कर रहे हैं जिन्हें कंपनी में बंधुआ बनाया गया है |

इस जानकारी के बाद नेशनल कैंपेन कमिटी फॉर इरेडिकेशन ऑफ़ बॉन्डेड लेबर के कन्वीनर निर्मल गोराना ने जिला कलेक्टर गौतम बुध नगर को शिकायत पत्र पेश करके मुक्ति की गुहार लगाई किंतु 21 सितंबर 2021 से 28 सितंबर 2021 हो गया पर प्रशासन के आलाधिकारी केवल फोन पर बात ही करते रहे।

संगठन की ओर से मानवाधिकार कार्यकर्ताओं एवं अधिवक्ताओं की टीम ने 28 सितंबर एवं 29 सितंबर को एसडीएम, डीएम एवं तहसीलदार के कार्यालय के चक्कर लगाए किंतु फिर भी प्रशासन ने मजदूरों को मुक्त नहीं कराया|

अंत में 30 सितंबर 2021 को रात्रि में मजदूरों को तहसीलदार के नेतृत्व में गठित टीम जो कि प्रशासन की तरफ से नियुक्त की गई थी के द्वारा 41 बंधुआ मजदूरों को मुक्त करवाया गया।

1 अक्टूबर 2001 को ए डी एम गौतमबुद्धनगर एवं एसडीएम सदर ने मुक्त बंधुआ मजदूरों के बयान दर्ज किए |   तत्काल ही 27 वयस्क बंधुआ मजदूरों को मुक्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया|

प्रशासन के अधिकारियों द्वारा तमाम मुक्त बंधुआ मजदूरों को भोजन एवं स्वास्थ्य की सुविधा मुहैया करवाई गई एडीएम गौतम बुध नगर के आदेश पर मुक्त हुए बंधुआ मजदूरों को पुलिस संरक्षण में उनके निवास स्थान जिला छतरपुर मध्य प्रदेश एक बस में रवाना किया गया| इन मजदूरों को  मजदूरी का भुगतान उन्हें उनके खाते में निर्गत करवाने का आश्वासन प्रशासन की ओर से दिया गया है।

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