लाहौर: जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की कठोर कार्रवाई ने पाकिस्तान में हड़कंप मचा दिया है. भारत ने 1960 के सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, जिससे पाकिस्तान की 80 फीसदी कृषि भूमि के लिए पानी की आपूर्ति खतरे में पड़ गई है. इस कदम ने पाकिस्तान के राजनीतिक और सैन्य नेताओं में भय पैदा कर दिया, जिसके चलते कई प्रभावशाली परिवार देश छोड़कर विदेश भाग गए हैं.
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जर्दारी की बहनें बख्तावर भुट्टो और आसिफा भुट्टो 27 अप्रैल 2025 को एक निजी जेट से कनाडा रवाना हो गईं. यह घटना बिलावल के उस बयान के ठीक एक दिन बाद हुई, जिसमें उन्होंने भारत द्वारा पानी की आपूर्ति रोकने पर “नदियों में खून बहने” की धमकी दी थी. उनके परिवार का तत्काल प्रस्थान इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान के कुलीन वर्ग अपनी स्थिति को अस्थिर मान रहे हैं.
इसी तरह, पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के परिवार ने हाल ही में ब्रिटेन और न्यू जर्सी की ओर रुख किया है. कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और उनके परिवारों ने भी विदेशों में सुरक्षित ठिकाने तलाश लिए हैं. भारत की कार्रवाइयों ने पाकिस्तान में राष्ट्रीय स्तर पर चिंता पैदा कर दी है, जिसके कारण प्रभावशाली लोग अपने परिवारों को देश से बाहर भेज रहे हैं.
पाहलगाम में नागरिकों पर हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने सख्त रुख अपनाया है. भारतीय नौसेना ने अरब सागर में आईएनएस सूरत से मिसाइल परीक्षण किया, जो भारत की सैन्य ताकत का प्रदर्शन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवादियों और उनके समर्थकों को दुनिया के किसी भी कोने में खोजकर सजा देने की कसम खाई है. भारत ने सीमा बंद करने, वीजा रद्द करने और संधि निलंबन जैसे कदम उठाए हैं, जिससे पाकिस्तान में अराजकता फैल गई है.
पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक संकट और आंतरिक विद्रोह से जूझ रहा है. इन नई चुनौतियों ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है. प्रभावशाली परिवारों का देश छोड़कर भागना इस संकट की गहराई को दर्शाता है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय दोनों देशों से संयम बरतने की अपील कर रहा है, ताकि तनाव और न बढ़े.