नई दिल्ली: भारत ने आतंकवादी समूहों को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने की योजना बनाई है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, भारत वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF), जो धन शोधन और आतंकवादी वित्तपोषण पर निगरानी रखने वाली वैश्विक संस्था है, की अगली बैठक में इस्लामाबाद के खिलाफ मजबूत तर्क प्रस्तुत करेगा. यह कदम दोनों परमाणु-संपन्न पड़ोसी देशों के बीच हाल ही में बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि में आया है.
जब FATF किसी देश को बढ़ी हुई निगरानी के तहत रखता है, तो इसका मतलब है कि वह देश निर्धारित समयसीमा के भीतर रणनीतिक कमियों को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है और उस पर कड़ी निगरानी रखी जाती है. इस सूची को अक्सर “ग्रे लिस्ट” के रूप में जाना जाता है. पाकिस्तान को 2022 में FATF की ग्रे लिस्ट से हटाया गया था, जिसने उसकी कर्जदाताओं के बीच प्रतिष्ठा को बढ़ाया था, जो उसकी संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण था.
रॉयटर्स ने बताया कि भारत न केवल FATF में पाकिस्तान के खिलाफ मामला उठाएगा, बल्कि विश्व बैंक से पाकिस्तान को मिलने वाली आगामी फंडिंग का भी विरोध करेगा. यह कदम भारत की उस नीति का हिस्सा है, जिसमें आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों पर कूटनीतिक और आर्थिक दबाव बढ़ाया जा रहा है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने हाल ही में पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर के बेलआउट को मंजूरी दी, जिसका उसने बचाव करते हुए कहा कि इस्लामाबाद ने ऋण की नवीनतम किश्त के लिए सभी आवश्यक लक्ष्यों को पूरा किया. हालांकि, भारत ने इस बेलआउट का विरोध किया था, यह तर्क देते हुए कि पाकिस्तान वित्तीय सहायता का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए करता है.
प्रधानमंत्री मोदी की चेतावनी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राजस्थान के बीकानेर में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी. उन्होंने कहा, “अगर पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देना जारी रखता है, तो उसे हर पैसे के लिए भीख मांगनी पड़ेगी. पाकिस्तान ने कभी भी सीधे युद्ध में भारत को हरा नहीं सकता, इसलिए वह आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल करता है.”
मोदी ने आगे कहा, “हर आतंकवादी हमले की पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी होगी. इसकी सेना और अर्थव्यवस्था दोनों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.”
यह कदम 22 अप्रैल, 2025 को पाहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आया है, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे. पाकिस्तान के जवाबी ड्रोन हमलों और युद्ध विराम उल्लंघनों ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है.