रायपुर। एक तरफ छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार आरक्षण बिल जल्द से जल्द प्रदेश में लागू करवाने आतुर है तो दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके आरक्षण बिल को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है। शायद इसी वजह से उन्होंने हल्की मुस्कराहट के साथ पत्रकारों को आरक्षण बिल पर मार्च तक इंतजार करने को कह दिया।
उइके ने ये बयान रायपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए दिया है। दो दिसंबर को आरक्षण विधेयक विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया था। उसी दिन राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए पहुंच गया था लेकिन तब से लेकर अब तक 52 दिन बीत गए है। लेकिन राज्यपाल ने इस बिल पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
आरक्षण बिल को लेकर राज्यपाल ने सरकार से 10 सवाल किए थे जिसके बाद सरकार का दावा है कि उन्होंने 10 सवाल के जवाब दे दिए हैं। बावजूद इसके अब तक राज्यपाल ने इस बिल पर हस्ताक्षर नहीं किया है। जिसे लेकर कांग्रेस भाजपा पर आरक्षण के मामले को लेकर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगा रही है। साथ ही भाजपा के दबाव में राज्यपाल पर काम करने का भी आरोप कांग्रेस लगा चुकी है। भाजपा इसे राज्यपाल का विशेषाधिकार बता रही है।