रायपुर| देश की सुप्रसिद्ध महिला विशेषज्ञों का मानना है कि बेकार की चिंता मानसिक तनाव बढ़ाती है और हमें कमज़ोर करती है, इसीलिए जो है, उसी में खुशी तलाशें और सकारात्मक बने रहें। कोरोना संक्रमण के इस दौर में आज यह सबसे बड़ी मानसिक समस्या बनकर सामने आई है|
मदर्स डे के अवसर पर समाजसेवी संस्था वयं फाउंडेशन,रायपुर द्वारा ज़ूम पर ऑनलाइन परिचर्चा ‘वूमेन टॉक’का आयोजन किया गया जिसमें अनुभवी महिला चिकित्स्कों और काउंसलर को आमंत्रित किया गया था l
कोरोना संक्रमण के इस दौर में अलग-अलग समस्याओं से जूझ रहे लोगों की तकलीफें समझने और कम करने का एक अभिनव प्रयास किया गया।
विभिन्न आयु-वर्ग की महिलाओं के साथ-साथ कई युवाओं ने भी खुलकर अपनी स्वास्थ्य संबंधी, शारीरिक और मानसिक समस्याओं की चर्चा अनुभवी डॉक्टरों और काउन्सलर से की।
धनबाद, झारखंड की प्रसिद्ध डॉक्टर अनामिका झा ने मास्क सही तरीके से पहनने और उतारने की उपयोगी जानकारी के साथ-साथ कोविड नियमों का पूरा पालन करते की जानकारी दी और लोगों की शंकाओं का समाधान किया।
रायपुर छत्तीसगढ़ के सौभाग्य हॉस्पिटल की डॉक्टर शालिनी जैन अग्रवाल ने कोवैक्सिन, कोविशील्ड और स्पुतनिक के बारे में लोगों के सवालों का जवाब देते हुए समय से टीकाकरण करवा लेने की सलाह दी। उन्होंने योग, प्राणायाम आदि को अपनी दिनचर्या का अंग बना लेने पर भी जोर दिया।
इंदौर, मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध लाइफ कोच और काउन्सलर प्रभा तिवारी ने कहा कि अभी हमें कोरोना संक्रमण के बीच में ही जीना है तो व्यर्थ में सिर्फ इसी बात को सोचते रहने से यह हमें दिमागी तौर पर कमज़ोर कर देगा।
अपना ध्यान उन बातों और कामों में लगाएँ जो खुशी देते हों। मनचाहा गीत-संगीत सुनें, नाचें-गाएँ जो करना है करें पर कोरोना के नियमों का पालन करते हुए और अपने ही घर में।
सभी महिला विशेषज्ञों ने एक मत से कहा कि व्यर्थ की चिंता मानसिक तनाव बढ़ाती है और हमें कमज़ोर करती है, इसीलिए जो है उसी में खुशी तलाशें और सकारात्मक बने रहें।
इस परिचर्चा में वयं फाउंडेशन से आभा बघेल, सुयश राठौर , कृति बघेल, स्वप्निल मिश्रा, तनु बघेल, रौनक दास के साथ ही साथ सविता गुप्ता, प्रमिला कमल शर्मा, सुधा शर्मा, चंद्रकला शर्मा , निर्मला ठाकुर, अश्विनी जयदेव, भवानी प्रधान, सीमा कुमार, सीमा झा, शेखर रुपैरी, सुनीता चंसोरिया, निकिता सिंहल व अन्य गणमान्य भी शामिल हुए।