अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा वार्षिक जलवायु महोत्सव – 29 जनवरी से 4 फरवरी तक धमतरी में

अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन, धमतरी में अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा वार्षिक जलवायु महोत्सव – फॉरेस्ट्स ऑफ़ लाइफ -यानि जंगलों का महोत्सव का एक आयोजन किया जा रहा है. यह आयोजन आगामी 29 जनवरी से 4 फरवरी 2024 तक अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन के धमतरी स्थित ज़िला संस्थान में होगा.

धमतरी|अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन, धमतरी में अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा वार्षिक जलवायु महोत्सव – फॉरेस्ट्स ऑफ़ लाइफ -यानि जंगलों का महोत्सव का एक आयोजन किया जा रहा है. यह आयोजन आगामी 29 जनवरी से 4 फरवरी 2024 तक अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन के धमतरी स्थित ज़िला संस्थान में होगा.

इस महोत्सव को आर्ट इंस्टालेशन, युवाओं द्वारा खींची गई जंगल की तस्वीरों, संगीत, फिल्मों, कलाकृतियों, इंटरैक्टिव कार्यशालाओं के अलावा कई अन्य माध्यमों से जीवंत बनाया गया है. अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन के शंकरदाह, धमतरी परिसर में आयोजित होने वाला यह महोत्सव 4 फरवरी तक लोगों के लिए खुला रहेगा और इसमें प्रवेश निःशुल्क है.


सात दिन तक चलने वाले इस महोत्सव में विद्यार्थियों और आम लोगों को मिलाकर लगभग 400 लोग रोज़ शामिल होंगे. इसके अलावा कार्यक्रम में 4 दिन बस्तर से आए आदिवासी कलाकार करसाड़ मांदरी और गेड़ी नाच का प्रदर्शन करेंगे वहीं आखरी तीन दिन उत्सर्ग शास्वत यूथ थिएटर ग्रुप द्वारा पर्यावरण के उपर नाटक का मंचन होगा.

महोत्सव की एक गतिविधि के रूप में, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय ने स्‍कूल, कॉलेज के विद्यार्थियों के एक बड़े समूह का चयन किया गया था. उन्होंने देश भर में 110 जंगलों की यात्रा की थीं. विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत इन कथाओं में उनके अनुभवों, मानव-पशु संघर्ष की चुनौतियों और प्रकृति के साथ देशज समुदायों के गहरे जुड़ाव को एक साथ संजोया गया है. उन्होंने वन्यजीव पुनर्वास के सफल उदाहरणों और संरक्षण की विस्तृत, प्रेरणादायक कहानियों को भी दर्ज किया है.


सात दिन चलने वाले इस महोत्‍सव में प्रदर्शित सामग्री हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में है. इसे देखना एक गहन और समृद्ध करने वाला अनुभव है. यह महोत्‍सव शहरी लोगों और देशज समुदायों के विभिन्‍न दृष्टिकोणों को सामने रखेगा. साथ ही यह विद्यार्थियों को वनों की अवधारणा से परिचित करायेगा.


अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज और रिसर्च सेंटर की यह कार्यक्रम वनों के साथ हमारे गहरे संबंधों को भी रेखांकित करता है. यह महोत्‍सव हमारे वनों का बेहतर ढंग से प्रबंधन करने की जरूरत पर प्रकाश डालता है साथ ही उनके संरक्षण एवं वनों के महत्व को भी समझाता है.


7 दिवसीय कार्यक्रम में हर दिन विभिन्न तरह के कार्यक्रम होंगे. इसमें कई इंटरैक्टिव कार्यशालाएं, फिल्म प्रदर्शन, लोक गीत, लोककथाओं की प्रस्तुति, पर्यावरणविद् और आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधि के साथ संवाद और एक मनमोहक फोटो प्रदर्शनी शामिल हैं.
2022 में, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय का पहला जलवायु महोत्सव – रिवर ऑफ लाइफ – शुरू हुआ था. यह महोत्सव, ‘भारत की नदियों की यात्रा पर आधारित था. इस महोत्‍सव में देश की असंख्य नदियों, इसके सांस्कृतिक प्रभावों, लोगों की आजीविका में उनकी भूमिका और जीवंत जैव विविधता को नदियों का संरक्षण करने वाले लोगों के माध्यम से दर्शाया गया था. नवंबर में, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, बेंगलुरु ने फॉरेस्ट ऑफ लाइफ का आयोजन किया था, जिसमें 12,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया. और इसके बाद अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, भोपाल में इसका आयोजन किया गया था.

अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के बारे में

प्रायोजक निकाय अज़ीम प्रेमजी फ़ाउण्डेशन ने अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय को पूरी तरह से लोकोपकारी और ग़ैर-लाभकारी संस्था के रूप में स्थापित किया है, जिसका स्पष्ट सामाजिक उद्देश्य एक न्यायसंगत, समतामूलक, मानवोचित और टिकाऊ समाज के निर्माण में योगदान देना है.

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