नई दिल्ली| CBSE 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं ऑफलाइन ही होंगी| सुप्रीम कोर्ट ने आज सीबीएसई और कई अन्य बोर्ड की ऑफलाइन बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने की याचिका पर आज बुधवार को सुनवाई करते फैसला दिया | कोर्ट ने कहा कि वो इस मामले में दखल नहीं देगा|
न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई कि ऐसी याचिकाओं पर सुनवाई करने से व्यवस्था में और अधिक भ्रम पैदा होता है| पिछली बार का फैसला आदर्श नहीं बन सकता, ऐसी याचिकाएं छात्रों को झूठी उम्मीद देती हैं और कंफ्यूजन पैदा करती हैं, वे ऐसी याचिकाओं से गुमराह होंगे| आपकी याचिका पर विचार करने का मतलब है कि और ज्यादा कन्फ्यूजन पैदा करना है|
कोर्ट ने कहा कि ‘आपको जो कहना है ऑथोरिटी को जाकर बताएं| ये गैरजिम्मेदाराना ढंग से जनहित याचिका का दुरुपयोग है| लोग भी कैसी कैसी याचिका दाखिल कर देते हैं|
बता दें कल सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार किया था | याचिकाकर्ता अनुभा श्रीवास्तव सहाय की ओर से पेश वकील ने खंडपीठ से कहा था कि कोविड-19 की स्थिति में सुधार हुआ है लेकिन पाठ्यक्रम अभी पूरा नहीं हुआ है।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने खंडपीठ से कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में 2020 और 2021 तथा इस साल भी आदेश पारित किए थे, मुख्य समस्या यही है।
बता दें सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए 26 अप्रैल से बोर्ड परीक्षाएं कराने का फैसला किया है।