खैरागढ़: अब कुर्सी के लिए भीतरघात का सहारा
खैरागढ़ नगर पालिका चुनाव के अप्रत्याशित नतीजे ने सियासी समीकरण पूरी तरह बदल दिये हैं | दोनों दलों को कुर्सी के लिए भीतरघात का सहारा चाहिए|
रायपुर | खैरागढ़ नगर पालिका चुनाव के अप्रत्याशित नतीजे ने सियासी समीकरण पूरी तरह बदल दिये हैं | दोनों दलों को कुर्सी के लिए भीतरघात का सहारा चाहिए|
इधर 10-10 सीटों के साथ बराबरी पर आये कांग्रेस और भाजपा ने अपने विजयी प्रत्याशियों को पहरे में रख दिया है | सबसे बड़ी बात यह भी कि यहाँ किसी भी निर्दलीय ने जीत हासिल नहीं की | जनता ने इन्हें ख़ारिज कर दिया |
खैरागढ़ नगर पालिका चुनाव में पहले दौर की मतगणना में भाजपा की स्थिति मजबूत नजर आ रही थी | इसके बाद भाजपा को 10 और कांग्रेस 9 सीट मिली।
वार्ड क्र. 4 के नतीजे ने सियासी समीकरण पूरी तरह बदल दिया| दरअसल इस वार्ड से कांग्रेस प्रत्याशी सुमित टांडिया और भाजपा के कैलाश नागरे को बराबर- बराबर 287-287 वोट मिले।
कांग्रेस ने फिर से मतगणना के लिए अर्जी दी और दोबारा गिनती में कांग्रेस के सुमित टांडिया ने भाजपा के कैलाश नागरे को एक मत से हरा दिया। इस नतीजे के साथ कांग्रेस और भाजपा बराबरी पर आ गए।
देखें VIDEO : भाजपा कार्यकर्ताओं ने क्या कहा
इस नतीजे के कांग्रेस के पक्ष में जाने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने मतगणना स्थल में सरकार विरोधी नारे लगाए,कुर्सियों पर गुस्सा उतरा । भाजपा नेताओं का आरोप है कि प्रशासन ने दुबारा गिनती में धांधली की है। जिस तरह से प्रभारी मंत्री ने डेरा डाल रखा था उससे उनकी मंशा साफ जाहिर हो रही थी |
राजनादगांव के वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप मेश्राम कहते हैं , खैरागढ़ नगर पालिका में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस पर भाजपा चुनाव प्रचार में धन-बल और प्रशासनिक आतंक मचाने का आरोप लगाती रही है। चुनाव के नतीजे आने के बाद भाजपा को कांग्रेस से खतरा लग रहा है।
इधर कांग्रेस और भाजपा दोनों जोड़तोड़ की राजनीति में जुट गई है। दोनों ने अब विजयी प्रत्याशियों को अपने पहरे में रख लिया है।
चूँकि खैरागढ़ की जनता ने निर्दलियों को नापसंद कर दिया।इसलिए अब पूरा मामला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही रह गया है। दोनों दलों को कुर्सी के लिए भीतरघात का सहारा चाहिए |