स्वतंत्रता दिवस: लाल किले से प्रधानमंत्री ने विकसित भारत 2047 का खाका खींचा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लगातार 11वीं बार लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई ईमानदारी के साथ जारी रखने की प्रतिबद्धता जताते हुए भ्रष्टाचारियों के कथित महिमामंडन के चलन पर चिंता जाहिर की. उन्होंने विकसित भारत 2047 का खाका खींचा.
नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लगातार 11वीं बार लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई ईमानदारी के साथ जारी रखने की प्रतिबद्धता जताते हुए भ्रष्टाचारियों के कथित महिमामंडन के चलन पर चिंता जाहिर की. उन्होंने विकसित भारत 2047 का खाका खींचा.
उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा हर देशवासी भ्रष्टाचार के दीमक से परेशान रहा है, इसलिए हमने व्यापक रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ी है.” प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इसकी कीमत भी चुकानी पड़ती है लेकिन उनकी प्रतिष्ठा राष्ट्र से बड़ी नहीं हो सकती.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोदी ने देश में बढ़ रहे महिला अपराध पर चिंता व्यक्त की. मोदी ने महिलाओं का रेप करने वालों को ‘राक्षस’ बताते कहा, अपराधियों में डर पैदा करना जरूरी है कि इससे फांसी होती है.
देश को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि मैं आज लाल किले से अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं. हमें गंभीरता से सोचना होगा. हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं, उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है. इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा. महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि समाज से मैं यह भी कहना चाहूंगा कि जब महिलाओं पर बलात्कार और अत्याचार की घटनाएं होती हैं तो उस पर व्यापक चर्चा होती है, लेकिन जब ऐसी राक्षसी प्रवृत्ति के व्यक्ति को सजा दी जाती है तो वह खबरों में नहीं दिखती, बल्कि एक कोने तक ही सीमित रहती है समय की मांग है कि सजा पाने वालों पर व्यापक चर्चा की जाए ताकि यह पाप करने वाले समझें कि इससे फांसी होती है, मुझे लगता है कि यह डर पैदा करना बहुत जरूरी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर 40 करोड़ लोग गुलामी की बेड़ियां तोड़कर आजादी हासिल कर सकते हैं, तो जरा सोचिए कि 140 करोड़ लोगों के संकल्प से क्या हासिल किया जा सकता है. विकसित भारत के लिए लोगों के सुझावों में शासन में सुधार, त्वरित न्याय प्रणाली, पारंपरिक दवाओं को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं.
डिफेंस सेक्टर में हमारी आदत हो गई थी कि बजट का पैसा कहां जाता है, विदेश से इंपोर्ट करते थे। आज इसमें आत्मनिर्भर बने हैं। आज डिफेंस मैनयूफैक्चरिंग का हब बने हैं। दुनिया में हथियार एक्सपोर्ट कर रहे हैं. किसी जमाने में कहा जाता था कि खिलौने बाहर से आते थे। आज देश के खिलौने दुनिया के बाजार में हैं. हम मोबाइल फोन इंपोर्ट करते थे। आज फोन एक्सपोर्ट करने लगे। भविष्य के साथ सेमीकंडक्टर और एआई जुड़ा है। हम इस पर काम रहे हैं.
किसानों का जीवन आसान बने, गांव में टॉप क्लास इंटरनेट कनेक्टिविटी मिले, बच्चों को स्मार्ट स्कूल मिले. उनके नौजवानों को स्किल मिले। उनके नए आय के साधन मिले. उसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं. इनोवेशन, इंपॉलयमेंट में महिलाएं तेजी से बढ़ रही हैं. हमारी एयरफोर्स, आर्मी, नेवी, स्पेस सेक्टर में महिलाओं का दमखम दिख रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा विकसित भारत 2047, स्वस्थ भारत भी होना चाहिए .इसलिए विकसित भारत की पहली पीढ़ी के लिए पोषण अभियान चलाया है.हमें कृषि को रिफॉर्म करना है। पुरानी परंपराओं से मुक्ति पानी होगी। हम किसानों की मदद कर रहे हैं, आसान लोन दे रहे हैं, उसे टेक्नोलॉजी दे रहे हैं. से एंड टु एंड होल्डिंग मिले उस दिशा में काम रहे हैं. धरती माता की उत्पादन क्षमता कम हो रही है, ऐसे में वो किसान जो प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। उनके लिए बजट में बड़ा प्रावधान है. आज दुनिया के लिए ऑर्गेनिक फूड बनाने वाला फूड बॉस्केट हमारे देश का किसान बना सकता है.
हमारे देश में मेडिकल एजुकेशन के लिए बच्चे विदेश पढ़ने जा रहे हैं. ऐसे-ऐसे देशों में जा रहे हैं, जिसके बारे में सोचकर आश्चर्य होता है. हमने 10 साल में मेडिकल सीटों को करीब 1 लाख कर दिया है. अगले पांच साल में मेडिकल लाइन में 75000 नई सीटें बनाई जाएंगी.
मोदी ने कहा, जो हो गया है, हम उससे संतोष मानकर बैठने वाले नहीं है. हम विकास को, समृद्धि को अपना स्वभाव बनाना चाहते हैं। आज नई शिक्षानीति के कारण 21वीं सदी के अनुरूप व्यवस्था बना रहे हैं, मैं नहीं चाहता कि मध्यमवर्गीय परिवार के बच्चे विदेश पढ़ने जाएं और मोटा पैसा खर्च हो. मैं चाहता हूं कि भारत में ऐसी शिक्षा व्यवस्था हो, जिससे विदेश के बच्चे यहां पढ़ने आएं.
60 साल बाद लगातार तीसरी बार आपने हमें देशसेवा का मौका दिया. 140 करोड़ देशवासियों के आशीर्वाद में मेरे लिए एक ही संदेश है. जन-जन की सेवा, हर परिवार की सेवा, हम इस शक्ति को साथ लेकर विकसित भारत के सपने को लेकर चलना है. हम सभी का सिर झुकाकर आभार व्यक्त करता हूं.

देश का युवा अब धीरे-धीरे चलने का इरादा नहीं रखता है. मेरे देश का युवा धीरे-धीरे आगे बढ़ने में विश्वास नहीं रखता है. मेरे देश का युवा छलांग लगाने के मूड में है, छलांग लगाने और कुछ हासिल करने के मूड में है. मैं कहना चाहूंगा कि यह भारत के लिए एक स्वर्ण युग है, अगर हम इसकी तुलना वैश्विक स्थिति से करें तो भी यह एक स्वर्ण युग है… हमें इस अवसर को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए। इस अवसर के साथ, अपने सपनों और संकल्पों के साथ, हम विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम होंगे.
