नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में सोमवार शाम को दो अलग-अलग ट्रेनों, जिनमें एक हाई-स्पीड राजधानी एक्सप्रेस भी शामिल थी, को पटरी से उतारने की कोशिश को लोको पायलटों की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने नाकाम कर दिया. इस घटना ने एक बड़ी रेल दुर्घटना को टाल दिया.
पहली घटना दलेलनगर और उमरताली स्टेशनों के बीच किलोमीटर मार्कर 1129/14 के पास हुई. यहां कुछ असामाजिक तत्वों ने पटरियों पर लकड़ी के टुकड़े को अर्थिंग तार से बांध दिया था. डिब्रूगढ़ जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस (20504) उस समय इस रास्ते से गुजर रही थी. लोको पायलट ने समय रहते इस बाधा को देख लिया और आपातकालीन ब्रेक लगाकर ट्रेन को सुरक्षित रोक दिया.
बाधा को हटाने के बाद, पायलट ने इस घटना की सूचना रेलवे अधिकारियों को दी, जिससे एक संभावित हादसा टल गया.
काठगोदाम एक्सप्रेस पर दूसरा हमला भी विफल
राजधानी एक्सप्रेस की घटना के कुछ ही मिनट बाद उसी रास्ते पर चल रही काठगोदाम एक्सप्रेस (15044) को निशाना बनाने की कोशिश की गई. इस बार भी लोको पायलट की सजगता ने खतरे को टाल दिया. पटरियों पर रखी बाधा को सुरक्षित हटा लिया गया, और यात्रियों व रेल उपकरणों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.
पुलिस, RPF और GRP ने शुरू की जांच
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, जिनमें पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जदौन भी शामिल थे, ने घटनास्थल का दौरा किया. उन्होंने पुष्टि की कि इस साजिश की जांच के लिए सरकारी रेलवे पुलिस (GRP), रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और स्थानीय पुलिस संयुक्त रूप से काम कर रही हैं.
हरदोई पुलिस ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि पटरियों पर लकड़ी का टुकड़ा और उससे बंधा लोहे का पट्टा बरामद किया गया है. जांच सभी संभावित सुरागों पर गहनता से आगे बढ़ रही है.
यह इस महीने की पहली घटना नहीं है. इससे पहले जौनपुर में दो व्यक्तियों, अफजल अली उर्फ सोनू और एक अन्य व्यक्ति, जिसका नाम भी अफजल अली है, को वाराणसी-लखनऊ मार्ग पर औंका गांव के पास पटरियों पर स्टील का ड्रम रखकर ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश करते हुए गिरफ्तार किया गया था. RPF की समय पर कार्रवाई ने उस घटना को भी रोक दिया.
दोनों आरोपियों के खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 151 और 153 के तहत मामला दर्ज किया गया, और जांच अभी जारी है.
रेलवे की महत्वपूर्ण लाइनों पर लगातार हो रही इन साजिशों ने रेल सुरक्षा और संभावित आतंकी योजनाओं को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है. अधिकारियों ने जनता और रेलवे कर्मचारियों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और पटरियों के आसपास किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें.
जांच के साथ-साथ रेल सुरक्षा एजेंसियां गश्त और निगरानी को और सख्त कर रही हैं ताकि यात्रियों की सुरक्षा को किसी भी तरह का खतरा न हो.