बीजापुर नक्सली हमला, इस साल अब तक का सबसे बड़ा हमला

सुरक्षाकर्मियों की पहचान की पुष्टि अभी तक नहीं की गई है 

जगदलपुर| छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के बीजापुर में शनिवार को हुआ नक्सली हमला इस साल अब तक का सबसे बड़ा हमला बनकर सामने आया है| इस हमले शहीद 24 में 9 सीआरपीएफ कोबरा बटालियन, 8 जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और 6 स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के हैं। सुरक्षाकर्मियों की पहचान की पुष्टि अभी तक नहीं की गई है |

बता दे बीजापुर के इस नक्सल हमले में 43 जवान सामान्य रूप से घायल हुए हैं जबकि गंभीर रूप से घायल 13 जवानों को  रायपुर अस्पताल भेजा गया है|

इधर नक्सलियों को भी भारी नुकसान होने की संभावना जताई गई है एक महिला नक्सली का शव बरामद किया जा चुका है|

मोस्ट वांटेड नक्सल कमांडर हिड़मा के तर्रेम इलाके में होने की सूचना के बाद सुकमा और बीजापुर से करीब 400 की संख्या में डीआरजी,एसटीएफ,सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन के जवानों को रवाना किया गया था|

जवानों के 24 शवों में से 5 को शनिवार को बरामद किया गया था| बाकी  शवों को  रविवार  बड़े पैमाने पर चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान बरामद किया गया । समाचार लिखे जाने तक  तलाशी और बचाव अभियान जारी था|

 

बीजापुर एसपी कमलोचन कश्यप ने बताया कि अब तक घटनास्थल से 20 जवानों के शव बरामद कर लिए गए हैं तथा इलाके में सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है जैसे जैसे मामलों में जानकारी मिलेगी आगे वे जानकारी देँगे। पहले प्राथमिकता जवानों के शवों के मुख्यालय पहुँचाना है|

ग्राउंड जीरो पर आसमान से UAV के माध्यम से पुलिस पैनी नज़र बनाई हुई है|

इधर तर्रेम इलाके से आ रही तस्वीरें खौफनाक और दिल दहला देने वाली हैं| मैदानी इलाके में हुई ज़बरदस्त मुठभेड़ में DRG और CRPF के जावानों की लाशें चारों तरफ बिखरी पड़ी थी जिन्हे साथी जवानों ने बरामद किया है| जवानों के पार्थिव शरीर से जूते और कपड़े तक निकाल कर नक्सली अपने साथ ले गए है| घटनास्थल पर ख़ौफ़नाक मंजर नजर आ रहा है|

बता दें कि  नक्सल कमांडर हिड़मा की मांद में घुसे जवानों को दूसरे दिन नक्सलियों की बटालियन नंबर 1  ने घेर लिया था |

मोस्ट वांटेड नक्सल कमांडर हिड़मा के तर्रेम इलाके में होने की सूचना के बाद सुकमा और बीजापुर से करीब 400 की संख्या में डीआरजी,एसटीएफ,सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन के जवानों को रवाना किया गया था|

जोन्नागुड़ा माओवादियों के बटालियन कमांडर हिड़मा का गांव माना जाता है पिछले 15 दिनों से नक्सलियों का जमावाड़ा था|

संयुक्त पार्टी द्वारा इलाके में रात भर हिड़मा की टीम को ढूंढा गया मगर वह नहीं मिला|

दूसरे दिन पुनः जूनागढ़ ग्राम के समीप अभियान चलाया जा रहा था|

जोन्नागुड़ा माओवादियों के बटालियन कमांडर हिड़मा का गांव माना जाता है पिछले 15 दिनों से नक्सलियों का जमावाड़ा था|

इसी दौरान बटालियन नंबर 1 की टीम ने संयुक्त पार्टी को घेर लिया| करीब 4 घंटे चली मुठभेड़ के बाद 5 जवान शहीद होने  और 12 जवान घायल होने की जानकारी सामने आई थी|

इधर  घटना के बाद से इलाके में गहन सर्च ऑपरेशन जारी रहा| कई जवान लापता थे जिनकी तलाश की जा रही थी|

नक्सली हमले में शहीद बबलू राम्भा को आज सीआरपीएफ 80 वीं बटालियन परिसर में श्रद्धांजलि दी गई| कल बीजापुर में हुई घटना के बाद देर शाम जवान का शव एयरलिफ्ट कर जगदलपुर लाया गया था|

रात में ही पोस्टमार्टम उपरांत सुबह नया बस स्टैंड स्थित सीआरपीएफ 80 बी बटालियन  परिसर में पुलिस अधीक्षक दीपक झा,विधायक रेखचंद जैन,महापौर सकीरा साहू और बटालियन के कमांडेंट और साथी जवानो ने शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी|

गार्ड ऑफ ऑनर के बाद एसपी दीपक झा और साथी जवानों ने पार्थिव शरीर को कंधा देते हुए वाहन तक ले गए और शहीद जवान के शव को हेलीकॉप्टर के माध्यम से रायपुर भेजा गया|

रायपुर से हवाई मार्ग के द्वारा शहीद जवान के शव को असम भेजा जाएगा,शहीद बबलू राम्भा असम के रहने वाले थे|

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