बस्तर में निको-जायसवाल खदान पर नक्सली हमला , 2 मजदूरों की मौत ,सुपरवाइजर समेत कई मजदूर बंधक

छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के नारायणपुर में नक्सलियों ने निको-जायसवाल खदान पर हमला  कर दिया| मुठभेड़ में दो मजदूर मारे गए है तथा सुपरवाइजर समेत कई मजदूरों को बनाया बंधक बनाये जाने की खबर है | नक्सलियों ने खदान के उपयोग में आने वाली 6 पोकलेन मशीन में  भी आग के हवाले कर दिया है|\ जिले के एडीशनल एसपी नीरज चंद्राकर ने इस घटना की पुष्टि की है| उन्होंने बताया, दोपहर 12 बजे छोटेडोंगर से बैकअप पार्टी को भेजा गया है| मारे गए मजदूरों के नाम अब तक सामने नहीं आए हैं|

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छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के नारायणपुर में नक्सलियों ने निको-जायसवाल खदान पर हमला  कर दिया| मुठभेड़ में दो मजदूर मारे गए है तथा सुपरवाइजर समेत कई मजदूरों को बनाया बंधक बनाये जाने की खबर है | नक्सलियों ने खदान के उपयोग में आने वाली 6 पोकलेन मशीन में  भी आग के हवाले कर दिया है|\ जिले के एडीशनल एसपी नीरज चंद्राकर ने इस घटना की पुष्टि की है| उन्होंने बताया, दोपहर 12 बजे छोटेडोंगर से बैकअप पार्टी को भेजा गया है| मारे गए मजदूरों के नाम अब तक सामने नहीं आए हैं|

मिली जानकारी के मुताबिक  नारायणपुर जिला मुख्यालय से 52 किमी दूर छोटेडोंगर क्षेत्र के निको-जायसवाल कंपनी के आयरन ओर खदान में नक्सलियों ने हमला कर दिया है| नारायणपुर-ओरछा मार्ग स्थित आमदई खदान में शनिवार की सुबह साढ़े दस बजे बड़ी संख्या में नक्सली पहुंचे और खदान की सुरक्षा के लिये बनाये गये फोर्स के कैम्प पर गोलीबारी शुरू कर दी|

इस दौरान खदान में काम कर रहे दो मजदूर  नक्सलियों की गोलियों की चपेट में आने से मौके पर मारे गये|बताया गया जिस वक्त नक्सलियों ने हमला किया  वहां सौ से अधिक मजदूर काम कर रहे थे|

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक एक मजदूर का शव दूर से देखा जा रहा है व एक अन्य मजदूर  का भी शव पेड़ के पास पड़ा है| शव को अब तक फोर्स अपने कब्जे में नहीं ले सकी है|

नक्सलियों ने खदान के उपयोग में आने वाली 6 पोकलेन मशीन में  भी आग के हवाले कर दिया है|वही खदान के सुपरवाइजर समेत कई मजदूरों को नक्सलियों ने बंधक बना लिया है|

खबर लिखे जाने तक पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है|

खदान और कैम्प का विरोध पहले भी हो चुका

आमदई स्थित आयरन ओर खदान बहुत लंबे समय से निको जायसवाल कंपनी को आबंटित की गई थी| यह खदान अब तक शुरू नहीं हो सकी है| इस साल के अंत तक इस खदान को शुरू किए जाने की संभावना है, जिसके लिए यहां सडक़ बनाने व अन्य काम जारी है| खदान के लिए चल रहे काम की सुरक्षा में यहां कैम्प भी बनाया गया है|

इसी साल जनवरी माह में करीब 10 से 12 हजार ग्रामीणों ने खदान और कैम्प के विरोध में यहां प्रदर्शन किया था| दस साल पहले भी नक्सलियों ने इसी खदान में काम कर रहे दो सुपरवाइजर की हत्या कर दी थी|

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