किसान को हाथी ने पटक-पटक कर मार डाला, बेटा देखता रह गया

धान में दवा छिडकते किसान को हाथी ने पटक-पटक कर मार डाला | जान बचाते पेड़ पर चढ़ा उसका बेटा बस देखता रह गया| घटना छत्तीसगढ़ के महासमुन्द जिले के ग्राम परसाडीह की है| इस इलाके में अब तक हाथियों ने 21 लोगों को कुचल  मार डाला है|

महासमुन्द| धान में दवा छिडकते किसान को हाथी ने पटक-पटक कर मार डाला | जान बचाते पेड़ पर चढ़ा उसका बेटा बस देखता रह गया| घटना छत्तीसगढ़ के महासमुन्द जिले के ग्राम परसाडीह की है| इस इलाके में अब तक हाथियों ने 21 लोगों को कुचल  मार डाला है| घटना की सूचना के बाद रेंजर शालिक राम डड़सेना द्वारा तत्काल 25 हजार रुपये की सहायता प्रदान की है।

मिली जानकारी के अनुसार महासमुन्द जिले के ग्राम परसाडीह में कल शुक्रवार की शाम ग्रामीण मनीराम अपने बेटे जयलाल यादव के साथ अपने खेत गया था| बेटे  को मेड पर बैठने कहा और खुद खेत में कीटनाशक का छिड़काव कर रहा था |

इसी बीच अचानक एक विशालकाय हाथी खेत की ओर बढ़ता दिखा। हाथी को देख घबराये बेटे जयलाल ने पिता को आवाज लगाई परन्तु तब तक हाथी तेजी से  खेत में घुस गया।

हाथी का रौद्र रूप देख कर जयलाल समीप के एक पेड़ में चढ़ गया और उसने अपनी लाचार आंखों से अपने पिता को हाथी द्वारा मौत होते तक पटकते देखता रहा। इधर हाथी ग्राम परसाडीह में दौड़ते गली मोहल्ले को पार करते हुए कुकराडीह बंजर की ओर भाग गया।

जयलाल ने किसी तरह से हिम्मत जुटा कर गांव फोन कर घटना की जानकारी दी।

वन विभाग ने की सहायता

इधर वन विभाग एवं पुलिस विभाग को सूचना मिलते ही  रात में ही घटना स्थल पहुच कर लाश को  खेत से बाहर निकाला| आज सुबह पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। इसके अलावा परिजनों को वन मण्डलाधिकारी पंकज राजपुत के निर्देश पर 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मृतक के परिजनों को दी गयी है।

रेंजर एस आर डड़सेना ने बताया कि शेष राशि 5लाख 75 हजार रुपये पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद तत्काल नियमानुसार प्रार्थी के बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी।

अब तक 21 मौतें

हाथी भगाओ फसल बचाओ समिति के संयोजक राधे लाल सिन्हा ने बताया कि सिरपुर क्षेत्र में पहली बार हाथी का आगमन मार्च 2016 में हुआ था। तब से लेकर अब तक 21 लोगों को हाथी ने कुचल कर मार डाला है। परसाडीह में यह दूसरी घटना है जिसे हाथी ने मार डाला।

अफसरों के नित नए प्रयोग हो रहे असफल

जानकारों की मानें तो महासमुन्द जिले में हास्यास्पद प्रयोगों से हाथियों पर नियंत्रण का प्रयोग करते अफसर चर्चाओं में बने रहते हैं|  इन प्रयोगों में करोड़ो रूपये फूंके जा चुके हैं|  दिए। इसके बावजूद इन प्रयोगों से हाथियों पर तो नियंत्रण नहीं पाया जा सका है|  अलबत्ता इन प्रयोगों ने भूखे हाथियों को आक्रामक जरूर बना दिया है ।

जानकारों की मानें तो छत्तीसगढ़  के कई जिले हाथी प्रभावित हैं परन्तु महासमुन्द जिले के खासकर सिरपुर क्षेत्र में ही हाथी मनुष्य को देखते ही उन पर हमला कर रहे हैं |

हाथियों हेतु कॉरिडोर बनाने की सरकारी योजना भी अब ठंडे बस्ते में चली गयी है। अब जरुरत है| हाथियों को यहां से भगाने की बजाय उनके लिए जंगलों के बीच दाना- पानी की व्यवस्था की|

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