छत्तीसगढ़: नानक सागर में प्रत्येक पूर्णिमा में लंगर

छत्तीसगढ़ के  महासमुंद जिले के पिथौरा से कोई 40 किलोमीटर दूर नानक सागर में प्रत्येक पूर्णिमा में लंगर की व्यवस्था प्रारंभ कर दी गयी है.

पिथौरा| छत्तीसगढ़ के  महासमुंद जिले के पिथौरा से कोई 40 किलोमीटर दूर नानक सागर में प्रत्येक पूर्णिमा में लंगर की व्यवस्था प्रारंभ कर दी गयी है. ज्ञात हो कि विगत तीन वर्षों से नानकसागर में सिक्खों के प्रथम गुरु श्री गुरुनानक देव जी के दो दिन रुकने के साक्ष्य के आधार पर रिसर्च चल रहा है.

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श्री गुरुनानक देव जी के जगन्नाथ पुरी यात्रा के दौरान दो दिनों तक ग्राम गढ़फुलझर के समीप स्थित नानक सागर में रुक कर उपदेश देने की जानकारी के बाद से ही उक्त स्थान का महत्व बढ़ गया है.अब गुरु के इस स्थान का दर्शन करने देश विदेश के सिक्खों के अलावा अन्य समाज के श्रद्धालुओं का आना जारी है.

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प्रतिवर्ष कीर्तन दरबार, गुरुनानक जयंती के गुरु पर्व, होली में होला महल्ला के अलावा प्रतिमाह अनेक धार्मिक कार्यक्रमो के आयोजन नानकसागर में होने लगे है. अब इस सबके बीच प्रत्येक पूर्णिमा में पाठ के साथ गुरु का लंगर भी आयोजित किया जा रहा है. लंगर की सेवा गढ़फुलझर निवासी दलजीत कौर, रूबी कौर, दिस्प्रित कौर, गुरदीप कौर, अवतार सिंह, जसिंदर कौर, सिमरप्रित कौर एवम रस्मित कौर कर रहे है.

 दिव्य धाम नानक सागर पूर्ण 

नानक सागर में गुरु के आगमन उनकी महिमा के सम्बन्ध में प्रसिद्ध साहित्यकार एवम लेखक शिवशंकर पटनायक द्वारा रचित दिव्यधाम नानक सागर भी तैयार कर ली गयी है. इनके प्रकाशक के अनुसार उक्त ग्रन्थ का विमोचन शीघ्र ही कर दिया जाएगा.

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