बरेकेल स्कूल भवन हस्तांतरण प्रमाण पत्र के लिए हेडमास्टर ने मांगी रिश्वत?

पिथौरा ब्लाक के समीप के ग्राम बरेकेल में एक बार फिर पूर्व आदिवासी सरपंच से 12 वर्ष पूर्व प्राथमिक शाला में निर्मित अतिरिक्त भवन हस्तांतरण प्रमाण पत्र में हस्ताक्षर करने के लिए उक्त शाला के हेडमास्टर द्वारा रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है।

पिथौरा|  पिथौरा ब्लाक के समीप के ग्राम बरेकेल में एक बार फिर पूर्व आदिवासी सरपंच से 12 वर्ष पूर्व प्राथमिक शाला में निर्मित अतिरिक्त भवन हस्तांतरण प्रमाण पत्र में हस्ताक्षर करने के लिए उक्त शाला के हेडमास्टर द्वारा रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। प्रार्थी पूर्व सरपंच द्वारा मामले की शिकायत कलेक्टर जनदर्शन में की गई है। इस सम्बंध में उक्त प्रधान पाठक ने इस प्रतिनिधि के सामने बताया कि वे अब कार्य पूर्णता एवम हस्तांतरण प्रमाण पत्र में हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं ।

पिथौरा ब्लाक के ग्राम बरेकेल के पूर्व सरपंच पुरूषोत्तम लाल ध्रुव ने कलेक्टर महासंमुन्द को लिखित शिकायत करते हुए बताया कि वह गरीब है। लेकिन ग्राम के निवासियों के चाहने पर वर्ष 2009 से 2014 तक पुरुषोत्तम सरपंच पद पर कार्यरत था।

इसी दौरान शासन के निर्देश पर 2012-13 में राजीव गांधी शिक्षा मिशन योजना के तहत मिडिल स्कूल में दो अतिरिक्त कक्ष एवं निर्माण कार्य आदेशित हुआ था। 2.64 लाख रूपया की स्वीकृति प्रदान की गई थी।

हेडमास्टर अंतर्यामी प्रधान द्वारा कलेक्टर का आदेश आया है। जल्दी जल्दी काम करने का दबाव डालकर उनसे अतिरिक्त भवन निर्माण कार्य करवाते रहे। वे स्वयम कार्य सम्पूर्ण होते तक निरीक्षक का कार्य करते रहे। मेरे द्वारा सभी काम सम्पूर्ण कराया गया परन्तु शासन की ओर से 1.37 लाख रूपया ही अब तक भुगतान किया गया है।

शेष बाकी राशि 1-27 लाख के भुगतान के लिए वे शिक्षा विभाग एवम जिला कलेक्टर में सारे दस्तावेज जमकर 1.27 रूपया के भुगतान के लिए आज 10 वर्ष से भटक रहे हैं । परन्तु मुझे भुगतान हेतु कार्य पूर्णता एवम विभाग के हस्तांतरण का प्रमाण पत्र भी जमा करने कहा गया।

इस हेतु ज़ब श्री ध्रुव हेडमास्टर के पास गए तब उन्होंने मोटी रकम कमीशन के रूप में मांग की। जिससे श्री ध्रुव परेशान हैं।

पूर्व सरपंच ने बताया कि उन्होने हेडमास्टर के दबाव में अपना निजी रूपया लगाकर बच्चों के पढ़ने-लिखने के लिए शासन के मंशा के अनुरूप कार्य कराया है। अभी भी मजदूरों का बकाया राशि नहीं दिया हूँ। ये सभी जरूरतमंद लोग मुझे बार-बार बदनाम करके कहते है कि तुम रूपया निकाल कर खा गये हो मैं गरीब आदिवासी अब क्या करूं? कृपया मेरे प्रति न्याय करते हुए सम्पूर्ण हो चुके स्कूल का निर्माण के बकाया राशि का 1.27 लाख का भुगतान शीघ्र  करने की कृपा करेंगे। अतिरिक्त में पढ़ाई लिखाई का कार्य स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्वावाद रूप से आज तक जारी है।

बता दें बरेकेल पंचायत में युवाओं को वृद्धा पेंशन देने का मामला चर्चित रहा, जिसकी शिकायत इसी पूर्व सरपंच ने की  थी। deshdigital ने इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया था

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पहले आप पहले आप ने बिगाड़ा खेल

इधर बरेकेल स्कूल के हेडमास्टर अंतर्यामी प्रधान ने बताया कि पूर्व सरपंच पुरुषोत्तम ध्रुव द्वारा कार्य पूर्ण कर शाला को अतिरिक्त भवन हस्तांतरण कर दिया है। श्री प्रधान ने स्वीकार किया कि इसके लिए श्री ध्रुव उनके पास आये थे।चूंकि फॉर्मेट में ऊपर सरपंच के हस्ताक्षर होने थे लिहाजा उन्होंने पहले सरपंच के हस्ताक्षर की बात कही थी। परन्तु अब विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर वे हस्ताक्षर करने के लिए तैयार है।

कलेक्टर जन दर्शन से उम्मीद जगी

जबकि श्री ध्रुव के अनुसार वे दर्जनों बार वर्तमान सरपंच डोलमती साहू का भी चक्कर लगा चुकी है। उन्होंने भी पहले प्रधान पाठक के हस्ताक्षर की सलाह दी थी। इस तरह हेडमास्टर एवम सरपंच की पहले आप पहले आप की सलाह से एक भवन निर्माण का कोई सवा लाख रुपये विगत 12 वर्षों से अटका पड़ा है। इस प्रशासनिक मनमानी से एक निर्धन निवर्तमान सरपंच 12 वर्षों से चक्कर लगाने मजबूर है। परन्तु अब कलेक्टर जन दर्शन में शिकायत के बाद उनकी उम्मीद जगी है।

Deshdigital  के लिए रजिंदर खनूजा

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