रणजीत कृषि उच्चतर माध्यमिक शाला पिथौरा का नाम बदलने से आदिवासी समाज नाराज

रणजीत कृषि उच्चतर माध्यमिक शाला पिथौरा का नाम अब स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम स्कूल किये जाने से नाराज आदिवासी समाज ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

पिथौरा| रणजीत कृषि उच्चतर माध्यमिक शाला पिथौरा Ranjit Agricultural Higher Secondary School, Pithora का नाम अब स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम स्कूल किये जाने से नाराज आदिवासी समाज  ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

छत्तीसगढ़ के  महासमुंद जिले के सबसे पुराने स्कूल रणजीत कृषि उच्चतर माध्यमिक शाला पिथौरा का नाम विलोपित करने के सरकारी प्रस्ताव पर आदिवासी समाज ने नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे पूर्ववत रखने का आग्रह किया है।समाज प्रमुखों ने नाम विलोपित करने के सरकारी प्रयास नही रुके तो आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

उक्त सम्बन्ध में अखिल भारतीय अमात्य गोंड समाज कौड़िया राज पिथौरा के अध्यक्ष भूषण सिंह सूर्यवंसी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिख कर पूरे मामले की जानकारी दी है।श्री सूर्यवंसी ने अपबे पत्र में मुख्यमंत्री को अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुलने की बधाई देते हुए राजा रणजीत सिंह का नाम विलोपित करने को आदिवासी समाज सहित समस्त कौड़िया राज निवासियों का अपमान बताया।

ज्ञात हो कि विकास खण्ड मुख्यालय पिथौरा में अंग्रेजी माध्यम स्कूल स्वामी आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम स्कूल 63 वर्ष पुरानी शासकीय रणजीत कृषि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पिथौरा के नये भवन में संचालित होने लगा है।

समाज के अध्यक्ष बी एस सूर्यवंशी ने बताया कि दिनांक 22.09.2021 को पता चला कि छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल रायपुर के पोर्टल में शासकीय रणजीत कृषि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के स्थान पर स्वामी आत्मानन्द हिन्दी माध्यम / अंग्रेजी माध्यम स्कूल दिख रहा है। इसकी जानकारी पिथौरा क्षेत्र में फैलते ही क्षेत्र के लोगों सहित खासकर आदिवासीयों में यह खबर स्वाभिमान को ठेस पहुचाने वाली लगी।

आदिवासी समाज यह समझ रहा है कि हमारे राजा का नाम व स्कूल का इतिहास मिटाने सरकार का यह षड्यंत्र हो सकता है।जिससे आदिवासी समाज मे सरकार के विरुद्ध नाराजगी दिखाई देने लगी है ।

समाज के वरिष्ठ जनों के अनुसार पिथौरा क्षेत्र की 9 सुत्रीय मांग पर सरकार ने पहले ही चुप्पी साध रखी है और उपर से हमारे आस्था के प्रतीक राजा रणजीत सिंह के नाम को विलोपित करना सरकार की गलत मानसिकता है।

63 वर्ष पुराना स्कूल ,नाम विलोपित करना उचित नहीं 

पिथौरा नगर के वरिष्ठजन बताते है कि रणजीत कृषि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की संक्षिप्त जानकारी यह है कि पिथौरा क्षेत्र पुरानी कॉडिया जमींदारी के अन्तर्गत आता है| पिथौरा में आज से 63 वर्ष पूर्व मात्र कक्षा 8वी तक की पढ़ाई होती थी| कुछ गिने चुने लोग अपने बच्चे को कक्षा 9 वीं के लिए शहरों में भेज पाते थे |

इसलिए पिथौरा क्षेत्र वासियों के मन में एक विचार उत्पन्न हुआ कि क्यों न पिथौरा में हाई स्कूल कक्षा 9वीं से 11वीं तक खोला जाये तब पिथौरा क्षेत्रवासियों ने कांडिया शिक्षा समिति का गठन किया कोडिया जमींदार के वंशज  उमराव सिंग, प्रताप सिंग अरी सिंग, भोज सिंग ने जमींदार कालीन कचहरी को शालाभवन हेतु दान दिया जिसकी प्रति आज भी समाज के पास मौजूद है। यह बकायदा रणजीत कृषि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के नाम से पंजीकृत है।

उस समय क्षेत्रवासियों में उत्साह था स्कूल को जमीन दान करने लगे जो लगभग 12 एकड जमीन है |स्कूल का नाम करण करने का विचार आया दान दाता तो बहुत हो गये, किसके नाम पर स्कूल को रखा जाये और विरोध भी नहीं हो।लिहाजा उस जमाने में आस्था के प्रतीक राज थे।

चूँकि किसानों ने  भी जमीन दान किया था, उसे ध्यान में रखते हुए स्कूल का नाम रणजीत कृषि रखने का प्रस्ताव आया| कृषि भूमि अधिक होने के कारण कृषि संकाय खोलने का प्रस्ताव हुआ| इस घटना क्रम अनुसार या मुख्य बिन्दु यह निकला स्कूल का नाम रणजीत कृषि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पिथारा रखा गया|

रंजीत शब्द अंग्रेजी RANJIT है जो बिगडकर रणजीत हो गया| रणजीत शब्द के आगे पिछे लाल रंजीत सिंह, ठाकुर रंजीत सिंह आदि जोड़वाने जमीदारों के वंशजों द्वारा प्रयास किया गया| आदिवासी समाज द्वारा भी प्रयास किया गया, लेकिन आज तक सुधर नहीं पाया आज यह स्कूल रणजीत कृषि स्कूल के नाम से प्रख्यात है।

आज स्कूल के बहुत सारे जमीन पर अतिक्रमण कर अवैध निर्माण किया गया है जिसे हटाने के लिए शाला प्रमुख द्वारा राजस्व  अधिकारियों  को पत्र लिखा गया| राजस्व अधिकारियों  द्वारा अतिक्रमण हटाने के बजाय शाला प्रमुख पर  दबाव बनाया गया और   इसी प्रकार शाला संचालित हो रही है |

पिथौरा नगर के वरिष्ठजन  कहते हैं  सरकार ने एक योजना लाकर एक मुश्त  स्कूल का नाम बदल कर स्वामी  आत्मा नन्द  स्कूल कर दिया ।रणजीत कृषि स्कूल में स्वर्गवासी  संस्थापकों , दानदाताओं की भावना जुडी है। आदिवासी समाज व अन्य पिथौरा क्षेत्रवासियों की आस्था जुडी है| नाम विलोधित करने पर इस आस्था को अघात पहुंचेगा, उनका सपना टूट  जायेगा।इसलिए इसे किसी भी हाल में नाम विलोपित नहिन्  करने दिया जाएगा।

आत्मानंद स्कूल पर आपत्ति नहीं  बल्कि पुराने स्कूल के नाम बदलने पर आपत्ति

सर्व कौड़िया आदिवासी समाज के ब्लॉक अध्यक्ष मनराखन ठाकुर ने उक्त मामले में कहा कि समाज को रंजीत कृषि उच्च मध्य शाला का नाम विलोपित करने पर आपत्ति है। शासन यदि स्वामी आत्मानन्द स्कूल खोलना चाहता है तो इसी कैम्प्स में पर्याप्त स्थान है|  इसी में नए भवन निर्माण के साथ स्वामी आत्मानंद स्कूल की स्थापना की जा सकती है परन्तु आदिवासी जमीदार रणजीत सिंह का नाम एक षणयंत्र के तहत ही विलोपित करना दिखाई दे रहा है|  लिहाजा आदिवासी समाज अन्य कौड़िया क्षेत्र वासियों के साथ अपनी अस्मिता की लड़ाई लड़ने के लिए सड़क पर उतरने की नोबत आयी तो सड़क पर उतर कर भी आंदोलन कर क्षेत्र के अस्मिता की रक्षा करेगा।

deshdigatal के लिए रजिंदर खनूजा

#Ranjit Agricultural Higher Secondary School#रणजीत कृषि उच्चतर माध्यमिक शाला पिथौराangryPithoraTribal Society
Comments (0)
Add Comment