video: महासमुन्द के अरण्ड की गलियों में हाथी, दहशत

छत्तीसगढ़ के महासमुन्द जिला मुख्यालय के समीप अरण्ड रेलवे स्टेशन एवम अरण्ड की गलियों में चार हाथियों की मौजूदगी ने ग्रामीणों को दहशत में डाल दिया है। बहरहाल वन विभाग की टीम ग्रामीणों को लगातार अलर्ट करने में जुटी है।

रजिंदर खनूजा / deshdesk

महासमुन्द | छत्तीसगढ़ के महासमुन्द जिला मुख्यालय के समीप अरण्ड रेलवे स्टेशन एवम अरण्ड की गलियों में चार हाथियों की मौजूदगी ने ग्रामीणों को दहशत में डाल दिया है। बहरहाल वन विभाग की टीम ग्रामीणों को लगातार अलर्ट करने में जुटी है।

हाथी कॉरिडोर के ठंडे बस्ते में जाने का अंजाम अब जिलेवासी भुगत रहे है। हाथी लगातार ग्रामीणों पर हमला कर उन्हें जान से मार रहे है। इसके बावजूद हथियो को मात्र खदेड़ने का काम ही वन विभाग कर रहा है।

विगत तीन दिनों से गरियाबंद की ओर प्रस्थान कर चुके हाथी एक बार पुनः महासमुन्द इलाके में पहुँच चुके हैं ।

आज सुबह ही नगर से मात्र 10 किलोमीटर दूर ग्राम अरण्ड एवम अरण्ड रेलवे स्टेशन में चारों हाथियों को चहल कदमी करते देखा गया है। हाथियों को देख कर ग्रामीण एक बार पुनः दहशत में है।

देखें वीडियो-

इधर वन विभाग को इसकी जानकारी मिलते ही वन मण्डलाधिकारी सहित परिक्षेत्र अधिकारी हाथी क्षेत्र में गश्त कर ग्रामीणों को सतर्क कर रहे हैं ।

ज्ञात हो कि महासमुन्द जिले में हाथियों के लगातार चहलकदमी के बाद हमलों से मौतों का सिलसिला जारी है|  परन्तु प्रदेश का वन विभाग हाथी समस्या का समाधान तलाशने की बजाय मात्र मुआवजा बांट कर ही अपने कर्तव्य की इतिश्री करता दिख रहा है।

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक  वर्ष 2018- 19 से  20 सितम्बर तक हाथियों के हमले से 27 ग्रामीण मारे गए। जनहानि के इन  27 प्रकरणों में वन विभाग द्वारा एक करोड़ 46 लाख रूपये  की सहायता  राशि दी गयी। वहीं 181 जन घायलों को 28 लाख 96 हजार रूपये  की क्षतिपूर्ति सहायता राशि मिली। इसी तरह  हाथी कारीडोर क्षेत्र में जंगली हाथियों से प्रभावित 7187 किसानों की फसलों को वन्य प्राणी (हाथी, जंगली सुअर आदि) द्वारा हानि पहुंचाने पर 4 करोड़ 94 लाख 82 हजार 499 रूपये  की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया।

 

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