तमोर पिंगला अभ्यारण्य के रमकोला हाथी पुनर्वास केंद्र में 24 घंटे में दो हाथी शावक की मौत

सरगुजा संभाग के  सूरजपुर जिला के तमोर पिंगला अभ्यारण के रमकोला हाथी पुनर्वास केंद्र में शुक्रवार को हाथी के एक और शावक की मौत हो गई है। इससे पहले गुरुवार को एक शावक की मौत हुई थी।

अम्बिकापुर| सरगुजा संभाग के  सूरजपुर जिला के तमोर पिंगला अभ्यारण के रमकोला हाथी पुनर्वास केंद्र में शुक्रवार को हाथी के एक और शावक की मौत हो गई है। इससे पहले गुरुवार को एक शावक की मौत हुई थी।24 घंटे के अंदर 2 शावक की मौत से वन विभाग में हड़कंप मच गया है।

सूचना पर वन विभाग के आला अधिकारी व पशु चिकित्सक मौके पर पहुंचे हुए थे।हाथी के शावक की लगातार मौत से वन विभाग सकते में है और शेष सात हाथियों को लेकर चिंतित हैं और उन्हें लेकर काफी सतर्क हो गए हैं।विभाग दोनों शावकों की मौत किस कारण हुई है पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ स्पष्ट कह पाना बताया।अंदेशा जताया जा रहा है कि एच वी-1 का वायरस का प्रकोप हो सकता है जिसके चलते दोनों शावकों की मौत हुई है।

तमोर पिंगला अभ्यारण्य के हाथी पुनर्वास केंद्र में शुक्रवार को शावक रेवा की मौत हो गई।इससे पहले गुरुवार की शाम शावक लक्ष्मण की मौत हो गई थी। चौबीस घंटे के अंदर दोनों शावकों की मौत से वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी सदमें में हैं,बाकी हाथियों को लेकर उनकी चिंता बढ़ गई है।

मौके पर अधिकारी कर्मचारी और चिकित्सकों का दल डटा हुआ है और अपने स्तर पर जांच का प्रयास कर रहा है।विभाग कई प्रकार के गंभीर वायरस की संभावनाओं के बीच जांच पड़ताल में जुटी हुई थी,पीएम रिपोर्ट नहीं आने के कारण शुक्रवार की शाम तक मौत होने की असल स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई थी।

गौरतलब है कि रमकोला हाथी पुनर्वास केंद्र में पांच कुमकी हाथियों के साथ दो अन्य हाथियों को रखा गया है। युगलक्ष्मी और गंगा से पैदा हुए रेवा और लक्ष्मण नामक शावक की मौत हो गई है। बुधवार की दोपहर में लक्ष्मण को बुखार होने से तबियत खराब हो गई थी। विभाग द्वारा उसका उपचार किया जा रहा था|

गुरुवार की सुबह उसकी तबीयत ठीक लग रही थी वह अपनी मां के साथ नहाने भी गया हुआ था।शाम को नहाकर वह जैसे ही बाहर निकला वहीं पर गिर गया फिर वह उठ नहीं पाया और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई थी।लक्ष्मण की मौत के कुछ घंटे बाद ही शुक्रवार को महज 24 घंटे के अंतराल में दूसरे शावक रेवा की भी अचानक मौत हो गई।

बताया जा रहा है कि रेवा में भी संक्रमण होने की संभावना थी जिस कारण उसे अलग रख इलाज किया जा रहा था।बाकी हाथियों को सौ मीटर दूर बांध दिया गया था और वायरल रोकने कई प्रकार के सेनेटाइजर का छिड़काव किया जा रहा था। रेवा के इलाज और संक्रमण की सम्भवना को देखते हुए और चिकितसको की टीम यहां पहुंच गई थी।

शुक्रवार सुबह तक की स्थिति में रेवा की स्थिति सामान्य लग रही थी और लग रहा था कि बीमारी नियंत्रण में है लेकिन आज दोपहर डेढ़ बजे करीब उसने भी दम तोड़ दिया।विभाग एच वी-1 का सैम्पल ली है लेकिन अबतक रिपोर्ट नहीं आई है।इस मामले को लेकर उपनिदेशक एलिफेंट रिजर्व प्रभात खलखो व चिकित्सको की टीम से मोबाइल पर संपर्क कर वस्तुस्थिति जानने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था।

2 साल पहले हुआ था गजशावकों का जन्म
मृतक गजशावक रेवा और लक्ष्मण का 2 साल पहले जन्म हुआ था,यहां रहने वाले अधिकारी कर्मचारियों के साथ महावत इनसे काफी घुले मिले थे। बच्चों की तरह इनसे दुलार करते थे और देखभाल करते थे।24 घंटे के अंदर लक्ष्मण और रेवा की मौत से सभी सदमें में आ गये, बताया जा रहा है कि कई अधिकारी कर्मचारी की आंख नम हो गई थी।

Ramkola Elephant Rehabilitation CenterTamor Pingla Sanctuarytwo elephant cubs died in 24 hours
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