नई दिल्ली| देश का सर्वोच्च फिल्म सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, इस वर्ष अभिनेता रजनीकांत को “भारतीय सिनेमा के विकास और विकास के लिए उत्कृष्ट योगदान” के लिए दिया जाएगा| सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज यह घोषणा की।
दादासाहेब फाल्के पुरस्कार में एक स्वर्ण कमल (गोल्डन लोटस), एक शॉल और 1,000,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
इससे पहले 2018 में यह पुरस्कार अमिताभ बच्चन और 2017 में अभिनेता विनोद खन्ना को दिया गया था|
जावड़ेकर ने ट्वीट किया-“भारतीय सिनेमा के इतिहास के सबसे महान अभिनेताओं में से एक दादासाहेब फाल्के पुरस्कार 2019 की घोषणा करने के लिए खुश हैं। अभिनेता, निर्माता और पटकथा लेखक के रूप में उनका योगदान प्रतिष्ठित रहा है,
केंद्रीय मंत्री ने जूरी महान गायक आशा भोसले, फिल्म के निर्देशक सुभाष घई, अभिनेता मोहनलाल, संगीत निर्देशक और गायक शंकर महादेवन और अभिनेता बिस्वजीत चटर्जी को भी धन्यवाद दिया|
71 साल के रजनीकांत को 51वां दादा साहब फाल्के अवॉर्ड 3 मई को दिया जाएगा| कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इस साल दादा साहेब फाल्के पुरस्कारों का ऐलान देरी से हुआ है|
रजनीकांत का असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है| रजनीकांत ने अपनी मेहनत और कड़े संघर्ष की बदौलत टॉलीवुड में ही नहीं बॉलीवुड में भी काफी नाम कमाया. साउथ में तो रजनीकांत को थलाइवा और भगवान कहा जाता है|
रजनीकांत की पहली तमिल फिल्म ‘अपूर्वा रागनगाल’ थी| लीड रोल में 1978 में उनकी पहली तमिल फिल्म ‘भैरवी’ से वे स्टार बन गए|
सन 2000 में पद्म भूषण से सम्मानित रजनीकांत को 2014 में 6 तमिलनाड़ु स्टेट फिल्म अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है| इनमें से 4 सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और 2 स्पेशल अवॉर्ड्स फॉर बेस्ट एक्टर के लिए दिए गए थे| 45वें इंटरनेश्नल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में रजनीकांत को सेंटेनरी अवॉर्ड फॉर इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर से भी सम्मानित किया गया|