जीते-जी रिश्ते पर एतराज, मरने के बाद कराई शादी, फिर चिता भी एक साथ सजी

यह प्रेमी जोड़ा शादी करना चाहता था पर घरवालों के ऐतराज देख दोनों ने ट्रेन के आगे जान दे दी । अब जो घरवाले जीते-जी उनके रिश्ते के लिए राजी नहीं थे, मरने के बाद उन्हीं ने अंतिम संस्कार से पहले उनकी शादी कराई। दोनों की चिता भी एक साथ  सजी| मामला  घटना झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला की है।

रांची |यह प्रेमी जोड़ा शादी करना चाहता था पर घरवालों के ऐतराज देख दोनों ने ट्रेन के आगे जान दे दी । अब जो घरवाले जीते-जी उनके रिश्ते के लिए राजी नहीं थे, मरने के बाद उन्हीं ने अंतिम संस्कार से पहले उनकी शादी कराई। दोनों की चिता भी एक साथ  सजी| मामला  घटना झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला की है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक  20 बरस के लक्ष्मण सोरेन और 17 बरस की सलमा किस्कू घाटशिला के नरसिंहगढ़ ग्राम पंचायत के अलग-अलग गांव के रहने वाले थे।  चारचक्का गांव निवासी लखन सोरेन तथा उलदा गांव की सलमा कीस्कू पारिवारिक तौर पर उनके बीच ममेरी बहन-फुफेरे भाई का रिश्ता था, लेकिन दोनों प्यार कर बैठे।

बताया गया कि एक बार दोनों घर से भाग गये थे। घरवालों ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वे जिद पर अड़े रहे। इसपर लक्ष्मण सोरेन को उसके घरवालों ने काम करने कश्मीर भेज दिया।

लक्ष्मण  दस दिन पहले वह गांव लौटा था। इधर बीते शनिवार को कक्षा  9 की छात्रा सलमा अपने घर के स्कूल जाने के नाम पर निकली, लेकिन घर नहीं लौटी। लक्ष्मण भी घर पर नहीं मिला। दोनों की तलाश शुरू हुई। पुलिस को भी सूचना दी गयी।

बीते  रविवार को दोनों की लाशें धालभूमगढ़-कोकपड़ा स्टेशन पर पायी गयीं। दोनों घरों में कोहराम मच गया। अगले दिन लाशें लायी गयीं तो दोनों परिवारों ने बड़ा फैसला लिया।

पंचायत बैठी, दोनों गांवों के ग्राम प्रधान की मौजूदगी में सलमा के पिता मेघराय किस्कू और लक्ष्मण के पिता माघा सोरेन ने तय किया कि अंतिम संस्कार के पहले उनकी शादी की रस्म निभाई जाये।

आदिवासी समाज की परंपरा के अनुसार दोनों के शव आस-पास रखे गये। लड़के के हाथ से लड़की की मांग में सिंदूर भरवाया गया और इसके बाद चारचौक्का गांव में एक ही चिता पर उनका अंतिम संस्कार हुआ।

बताया गया कि लड़के के पिता ने मुखाग्नि दी। दोनों का श्राद्ध कर्म एक साथ होगा। श्राद्ध का खर्च दोनों पक्षों ने मिलकर उठाने और इस घटना को लेकर किसी पर आरोप-प्रत्यारोप नहीं करने का भी फैसला किया।

 

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