जेएनयू में होगी मेडिकल की पढ़ाई और स्थापित होगा मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की अकादमिक परिषद ने स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज और एक मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

नई दिल्ली । जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की अकादमिक परिषद ने स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज और एक मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

विश्वविद्यालय ने कहा कि मेडिकल स्कूल पीएचडी, एमडी-पीएचडी, एमडी, एमएस, डीएम, एमसीएच और एमबीबीएस पाठ्यक्रमों की पेशकश करेगा, जिसमें पारपंरिक दवाओं, आधुनिक औषधियों, मानविकी और सामाजिक विज्ञान से संबद्ध ज्ञान प्रणालियों पर जोर होगा।

अकादमिक परिषद ने एनसीसी को इलेक्टिव क्रेडिट पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। बयान में कहा गया कि यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भावना के अनुरूप है।

इसके अलावा कई अन्य पाठ्यक्रम शुरू करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। जेएनयू के वायस चांसलर ने बताया कि यूनिवर्सिटी में अब एनसीसी की भी पढ़ाई होगी।

यह एक फुलटाइम छह सेमेस्टर का प्रोग्राम होगा। इसमें थिअरी, प्रैक्टिकल और कैंप ट्रेनिंग शामिल होगी। वहीं, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को चिट्ठी लिखकर यूनिवर्सिटी में फुल टाइम वीसी की नियुक्ति की मांग की है।

पिछले सात माह से युनिवर्सिटी में वीसी का पद खाली है।

जेएनयू से मिली जानकारी के मुताबिक स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस स्थापित करने की अनुमानित लागत 900 करोड़ आंकी गई है। वहीं स्कूल के अधीन संचालित होने वाला सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में 50 फीसदी पद वैज्ञानिकों के लिए रखे जाएंगे।

अस्पताल में न्यूरोलॉजी, कॉडिर्योलॉजी, प्लॉमनोलॉजी, ऑगर्न ट्रांसप्लांट के साथ कही क्रिटिकल केयर जैसी सुविधाएं विकसित होगी। स्कूल और अस्पताल परिसर स्थित 25 एकड़ जमीन पर ही विकसित होगा।

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