भुवनेश्वर। कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने चालू बजट सत्र के दौरान सदन के कामकाज को लेकर सोमवार को ओडिशा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने हर बार विपक्षी सदस्यों के विरोध के बाद सदन को लंबी अवधि के लिए स्थगित किए जाने पर सवाल उठाया। मिश्र ने कहा कि यह बहुत निराशाजनक है कि सदन की कार्यवाही को सुबह से शाम 4 बजे तक के लिए स्थगित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार पिछले अनुभव (संवेदनशील और महत्वपूर्ण जन-केंद्रित मुद्दों पर विपक्ष से जूझने) के मद्देनजर ऐसा करना चाहती है। उन्होंने इस बात पर नाराज़गी जताई कि स्पीकर द्वारा सर्वदलीय बैठकें अक्सर कोई परिणाम देने में विफल रहती हैं। विपक्षी दल हमेशा बेवजह किसी बात का विरोध नहीं करते। वे सदन में जारी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा चाहते हैं।
मिश्र ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि कई मामलों में विधायकों को उनके सवालों के जवाब नहीं मिल रहे हैं। कई मौकों पर मंत्रियों के पास आंकड़े नहीं मिलते हैं। हालांकि यह एक नियम है कि मंत्री सदन में लिखित कागजात नहीं पढ़ सकते हैं, उन सभी ने इस प्रथा को अपनाया है। मिश्र ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष भी विपक्ष की बात नहीं सुन रहे हैं।
वह आगे आरोप लगाते रहे कि उन्हें (अध्यक्ष को) ऊपरी मंजिल (मुख्यमंत्री कार्यालय) से आने वाले लिखित पत्रों को पढ़ने के लिए बाध्य किया जा रहा है।
यह कहते हुए कि इस तरह से सदन की गरिमा कम हो रही है, उन्होंने अध्यक्ष से सर्वदलीय बैठक बुलाने और मामले पर सार्थक चर्चा करने की मांग की। मिश्र ने कहा कि अगर हम सब चुप रहेंगे तो लोग हमें असहाय समझेंगे। बता दें कि सीएलपी नेता ने ये सारे आरोप विधानसभा के बाहर लगाए।
बता दें कि ओडिशा विधानसभा की कार्यवाही शाम 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया क्योंकि विपक्षी सदस्यों ने मैट्रिक प्रश्नपत्र लीक होने का मुद्दा उठाया और स्कूल और जन शिक्षा मंत्री को हटाने की मांग करते हुए आज वेल ऑफ द हाउस में विरोध प्रदर्शन किया।