छत्तीसगढ़ में भी Omicron दाखिल, पहला मरीज बिलासपुर से

आख़िरकार छत्तीसगढ़ में  भी ओमिक्रॉन दाखिल हो गया | छत्तीसगढ़ में  ओमिक्रॉन संक्रमित पहला मरीज बिलासपुर जिले से है जो 52 वर्षीय यह व्यक्ति हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात से लौटा था |

रायपुर|  आख़िरकार छत्तीसगढ़ में  भी Omicron दाखिल हो गया | छत्तीसगढ़ में  ओमिक्रॉन संक्रमित पहला मरीज बिलासपुर जिले से है जो 52 वर्षीय यह व्यक्ति हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात से लौटा था |

कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव होने के पर सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग जांच के लिए भुवनेश्वर भेजा गया था। रिपोर्ट आने के बाद आज शाम को स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पुष्टि कर दी है।

बता दें छत्तीसगढ़ में एक जनवरी से कोरोना तेज  रफ्तार से बढ़ रहा है।  लेकिन इनमें से अब तक  Omicron संक्रमित  नहीं मिला था। आज  5 जनवरी को बिलासपुर से  कोरोना के Omicron ओमिक्रान वेरिएंट का  पहला मरीज सामने आया है |

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बता दें राजधानी रायपुर में जिला प्रशासन ने आज बुधवार से नाइट कर्फ्यू का आदेश जारी कर दिया है ।   रायपुर जिले में स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वीमिंग पूल और लाइब्रेरी आदि को बंद कर दिया है। सभी मॉल, जिम, सिनेमाघर, ऑडिटोरियम, रेस्टोरेंट और मैरिज हॉल को क्षमता के एक तिहाई लोगों की उपस्थिति के साथ संचालित की जा सकती हैं।

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जहाँ  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए परीक्षा कराने और सेंटरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों पर किसी तरह की रोक नहीं हैं।

वहीँ  छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने रायपुर के एम्स (AIIMS) और पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में जीनोम सिक्वेंसिंग (Genome Sequencing) जांच की सुविधा शीघ्र शुरू करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखा है।

उन्होंने आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि कोविड-19 का नया वेरिएंट और उसका बदलता स्वरूप वैश्विक स्तर पर गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। देश के ज्यादातर राज्यों में कोविड के नए वेरिएंट के बढ़ते संक्रमण की खबरें लगातार आ रही हैं। छत्तीसगढ़ कई राज्यों की सीमाओं से घिरा हुआ है। इसलिए यहां भी कोरोना के नए मामले लगातार सामने आ रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना के वेरियंट का पता लगाने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है। हमें इसके लिए सैंपल भुवनेश्वर (ओड़िशा) भेजकर रिपोर्ट मंगानी पड़ती है जिसमें काफी समय लगता है। जांच की गति धीमी होने के कारण यह भी पता नहीं चल पा रहा है कि हमारे क्षेत्र में फैलने वाला कोरोना वेरिएंट ओमिक्रॉन, डेल्टा या अन्य कोई दूसरा है। इसके कारण कोरोना की रोकथाम, जांच और इलाज के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लेने तथा रणनीतिक तैयारी करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

श्री सिंहदेव ने राज्य की वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत एम्स रायपुर में जीनोम सिक्वेंसिंग जांच की सुविधा तत्काल प्रारंभ कराए जाने का आग्रह किया है। उन्होंने रायपुर के शासकीय मेडिकल कॉलेज में भी जीनोम सिक्वेंसिंग जांच की सुविधा जल्दी शुरू करने के लिए जरूरी आर्थिक एवं तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया है।

इनके शुरू हो जाने से समय पूर्व प्रदेश में कोरोना संक्रमण से बचाव और बेहतर इलाज की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा सकेंगी। उन्होंने जन-जीवन से जुड़े इस महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शीघ्र समुचित निर्णय लेकर तत्परतापूर्वक कार्यवाही की अपेक्षा की है।

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