हाथियों की वजह से ग्रामीणों को करना पड़ रहा रतजगा

हाथियों की वजह से ग्रामीणों को रतजगा करना पड़ रहा है. वे छोटे बच्चों, बुजुर्ग और महिलाओं को लेकर अलाव के नीचे रात काट रहे हैं. 

उदयपुर| हाथियों की वजह से ग्रामीणों को रतजगा करना पड़ रहा है. वे छोटे बच्चों, बुजुर्ग और महिलाओं को लेकर अलाव के नीचे रात काट रहे हैं.

विगत सात सितंबर से ग्यारह हाथियों का दल उदयपुर वन परिक्षेत्र में अपनी पैठ बनाए हुए है. अभी तक हाथियों द्वारा सैकड़ो किसानों की धान व मक्का के फसलों बर्बाद किया जा चुका है तथा महुआ टिकरा के जंगल में एक व्यक्ति को मौत के घाट उतार चुका है.
हाथी सोमवार को पतरापारा से जंगल किनारे होते हुए पूटा बेलढाब शरमा गांव पहुंच गए वन अमला की टीम लगातार इनकी निगरानी में 24 घंटे लगा हुआ है.
हाथियों का मूवमेंट जिधर होता है संभावित ग्राम के लोगों को वन अमला द्वारा गजराज वाहन के माध्यम से मुनादी करा कर तथा माइक के माध्यम से लोगों को हाथियों से बचने की सलाह दी जाती है .
जंगल किनारे रहने वाले ग्रामीणों को पक्के के मकान या गांव के बीच सुरक्षित स्थान में एक जगह पर आग जलाकर रहने की समझाइए दी जाती है.
प्रभावित ग्राम के लोग छोटे बच्चे बुजुर्गों महिलाओं को लेकर अलाव के सहारे घर से बाहर रात बिताने को मजबूर हैं. लोगों के पास साधन नही होने पर कई बार वन अमला की टीम ने अपने वाहन से ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है.
कुछ लोग फोटो वीडियो खींचने के चक्कर में लोग हाथियों के काफी नजदीक पहुंच जाते है. इससे कई बार काफी भयावह स्थिति बन जाती है.
ग्यारह हाथियों का दल अभी बासेन से परोगिया जंगल में खदान क्षेत्र के बिलकुल नजदीक विचरण कर रहे है.


वन अमला प्रशिक्षु डीएफओ सह प्रभारी रेंजर अक्षय भोसले, रेंजर गजेंद्र दोहरे, वनपाल, चंद्रभान, परमेश्वर, शशिकांत सिंह, वनरक्षक दिनेश तिवारी नंदलाल, ऋषि रवि, प्रवीण शर्मा, धनेश्वर, बसंत भरत सहित अन्य स्टाफ दो पालियों में 24 घंटे इन हाथियों की निगरानी में लगे हुए है.

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