हैदराबाद: पाकिस्तान के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी के ‘खून बहेगा’ वाले बयान पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. ओवैसी ने भुट्टो को याद दिलाया कि उनकी मां, पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो, आतंकवादियों के हमले में मारी गई थीं. ओवैसी ने कहा, “ऐसी बचकानी बातें मत करो. क्या उन्हें अपने दादा और मां के साथ क्या हुआ, याद नहीं? उनकी मां को आतंकियों ने मार डाला था. कम से कम उन्हें ऐसे बयान नहीं देने चाहिए. क्या उन्हें अंदाजा है कि वे क्या बोल रहे हैं?”
बिलावल भुट्टो ने सिंधु जल संधि के निलंबन पर भारत को चेतावनी देते हुए कहा था, “या तो हमारी नदियों में पानी बहेगा या उनका खून.” इस बयान के बाद भारतीय नेताओं ने जमकर विरोध जताया. ओवैसी ने भुट्टो की सोच पर सवाल उठाते हुए कहा, “जब तुम्हारी मां को आतंकियों ने गोली मारी थी, तब वो आतंकवाद था. लेकिन जब हमारे देश की मांओं और बेटियों को मारा जाता है, तो क्या वो आतंकवाद नहीं है?”
ओवैसी ने पाकिस्तान की आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीति पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में फिर से शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि वह अवैध पैसों से आतंकवाद को फंडिंग करता है.
ओवैसी ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि भारत की सैन्य और आर्थिक ताकत कहीं ज्यादा है. “पाकिस्तानी नेताओं को न्यूक्लियर वॉर की धमकी नहीं देनी चाहिए. अगर वे निर्दोष लोगों को मारेंगे तो कोई भी देश चुप नहीं बैठेगा.”
ओवैसी ने देशवासियों से भी अपील की कि वे आपसी राजनीतिक मतभेद भुलाकर एकजुट रहें और पाकिस्तान की साजिशों को नाकाम करें. “पाकिस्तान की कोशिश है कि हिंदू-मुस्लिमों के बीच नफरत फैले, लेकिन हमें उनकी इस साजिश को कामयाब नहीं होने देना है.”
बिलावल भुट्टो के बयान की कांग्रेस नेता शशि थरूर और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने भी आलोचना की. थरूर ने कहा, “अगर खून बहना है, तो शायद उनकी तरफ ज्यादा बहेगा.”
ओवैसी का यह बयान ऐसे समय आया है जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है, और दोनों देशों के नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी जारी है.