किसी ने सुनी ‘अंतरात्मा की आवाज’, कोई रहा पार्टी से नाराज, क्रॉस वोटिंग से राष्ट्रपति चुनाव भी नहीं रहा अछूता

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सोमवार को मतदान संपन्न हो गया है। सभी दलों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर वोटिंग की और इस लोकंत्रातिक प्रक्रिया को मजबूत करने का काम किया। लेकिन हर बार की तरह इस बार भी कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर अपनी ही पार्टी के खिलाफ जाने का काम किया।

नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सोमवार को मतदान संपन्न हो गया है। सभी दलों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर वोटिंग की और इस लोकंत्रातिक प्रक्रिया को मजबूत करने का काम किया। लेकिन हर बार की तरह इस बार भी कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर अपनी ही पार्टी के खिलाफ जाने का काम किया। किसी ने इसे अपनी अंतरात्मा की आवाज बताया तो किसी ने सिर्फ पार्टी के खिलाफ अपना गुस्सा।

गुजरात से एनसीपी नेता कांधल जडेजा ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ जाते हुए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में अपना वोट डाला। उन्होंने इसका कोई कारण तो नहीं बताया सिर्फ इतना कहा कि उनका वोट द्रौपदी मुर्मू के लिए गया है। इसी तरह यूपी में भी क्रॉस वोटिंग का खेल देखने को मिला है। सपा से बरेली के भोजीपुरा विधायक शहजील इस्लाम ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में अपना वोट डाला है। शहजील इस्लाम यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर विवादित टिप्पणी के बाद चर्चा में आए थे। इसके अलावा वे आजम खान के भी करीबी माने जाते हैं जो वर्तमान में अखिलेश से खफा बताए जा रहे हैं।

सपा प्रमुख के लिए झटका ये भी रहा कि प्रगतिशील पार्टी के अध्यक्ष और अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव भी यशवंत सिन्हा के समर्थन में दिखाई नहीं दिए। उनकी तरफ से खुलकर तो द्रौपदी मुर्मू का समर्थन नहीं किया गया,लेकिन उन्होंने जिस अंदाज में यशवंत सिन्हा पर निशाना साधा, अटकलों का बाजार गर्म रहा। उन्होंने कहा था कि विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने मुलायम सिंह यादव को आईएसआई एजेंट बताया था। हम उन्हें समर्थन नहीं देंगे। उन्होंने दावा किया था कि जो सपा नेता मुलायम सिंह की विचारधारा को मानते हैं, वे ऐसे आरोप लगाने वाले नेता को कभी वोट नहीं देंगे।

वैसे कांग्रेस को तो ओडिशा से भी झटका लगा है। उन्हीं के पार्टी के विधायक मोहम्मद मुकीम ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनते हुए द्रौपदी मुर्मू को वोट किया है। उन्होंने कहा है कि मेरा निजी फैसला है, मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी, जिसने मुझे अपनी मिट्टी के लिए कुछ करने के लिए कहा। इसलिए मैंने द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया। अब ये उनका बयान है, लेकिन ओडिशा में जैसी राजनीति चल रही है, उसे देखते हुए मोहम्मद मुकीम की ये बगावत मानी जा रही है।

मोहम्मद मुकीम को पूरी उम्मीद थी कि ओडिशा में कांग्रेस उन्हें राज्य का अध्यक्ष बनाएगी। लेकिन ऐन वक्त पर ऐसा नहीं हुआ और इसी से वे खफा बताए जा रहे थे। अब ये तो वो मामले रहे जहां पर खुलकर क्रॉस वोटिंग का दावा कर दिया गया है। लेकिन असम से जो खबर आई है, वहां पर भी बड़े स्तर पर क्रॉस वोटिंग की बात सामने आ रही है। लेकिन पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा रहा।

AIUDF के विधायक करिमुद्दीन बारभुइया ने दावा कर दिया है कि कांग्रेस के 20 से ज्यादा विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। उन्होंने कहा, नतीजों में आपको नंबर पता चल जाएगा। अब विधायक का तर्क है कि रविवार को बुलाई कांग्रेस की बैठक में सिर्फ दो से तीन विधायक पहुंचे थे, बाकी विधायक गायब रहे। अभी तक कांग्रेस ने ऐसी किसी क्रॉस वोटिंग की पुष्टि नहीं की है।

वैसे हरियाणा से कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई ने भी संकेत दे दिए हैं कि उनकी तरफ से द्रौपदी मुर्मी का सर्मथन किया गया है। साफ तौर पर तो कुछ नहीं बोला लेकिन वहीं अंतरात्मा वाले बयान ने संकेत दे दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जैसे राज्यसभा चुनाव में मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी थी, अभी भी मैंने वहीं किया है।

अब इन नेताओं ने तो क्रॉस वोटिंग की, अकाली दल के विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने तो वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा ही नहीं लिया। उनके मुताबिक ना विपक्ष ने और ना ही सरकार ने पंजाब के किसी भी मुद्दे को प्रमुखता से नहीं उठाया। ऐसे में उन्होंने वोटिंग का ही बहिष्कार कर दिया। ( खबर आजतक से)

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