ओडिशा पंचायत चुनाव:  नेताओं के वादे झूठे, वोट न डालने का फैसला  

ओडिशा के तीन जिलों गंजाम, क्योंझर और गजपति के कुछ गांवों ने  आगामी पंचायत चुनावों का बहिष्कार करने का फैसला किया है | वर्षों से नेताओं के झूठे आश्वासनों के बीच ये सड़क, पानी ,राशन ,स्कूल जैसी कई बुनियादी सुविधाओं के लिए ये जूझ रहे हैं |

भुवनेश्वर| ओडिशा के तीन जिलों गंजाम, क्योंझर और गजपति के कुछ गांवों ने  आगामी पंचायत चुनावों का बहिष्कार करने का फैसला किया है | वर्षों से नेताओं के झूठे आश्वासनों के बीच ये सड़क, पानी ,राशन ,स्कूल जैसी कई बुनियादी सुविधाओं के लिए ये जूझ रहे हैं |

उन्होंने गंजम, क्योंझर और गजपति जिलों के कुछ गांवों के निवासियों ने राज्य में आगामी पंचायत चुनावों का बहिष्कार करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि वे वर्षों से न्यूनतम बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं।

गंजाम जिले के जगन्नाथप्रसाद ब्लाक  के कराडापल्ली गांव के लोग कई बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं | यहाँ के ग्रामीण पानी , पक्की सड़क , स्कुल भवन , राशन कार्ड आदि की मांग करते आ रहे हैं लेकिन अब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो सकी हैं | आश्वासन ही अब तक हाथ आया है |

क्योंझर जिले के बंसापाल ब्लाक के केतला चंपेई पंचायत के ठाकुरडीही और डंगापानी के लोहों ने भी वोट नहीं डालने का फैसला इया है | उनके गाँव गंधमार्दन खदानों के करीब हैं जहाँ दोहन हो रहा  पर विकास के नाम पर कुछ भी नहीं |   आवास योजना सर्वेक्षण में भी उन्हें शामिल नही किया गया |

यहाँ के निवासियों का कहना है कि जब तक हमें पानी, सड़क ,पक्का माकन जैसी सुविधाएँ नहीं मिल जाती हम वोट नहीं डालेंगे | हर नेता चुनाव के वक्त आश्वासन देता है फिर चुनाव के बाद सब कुछ वैसा ही ही | विकास  से हमारे गाँव कोसों दूर हैं|

गंधमार्दन खदानों से हमें मिला तो कुछ नहीं उलटे हमारा जीवन दयनीय बनता जा रहा है | प्रदूषण से घर खेत सब ढंकते जा रहे हैं धूल ने जीना मुहाल कर दिया है |

इसी तरह  सड़क पानी की समस्या से जूझ रहे गजपति जिले के मोहना ब्लॉक के  गोविंदपुर पंचायत के  सुदूर चंछड़ागुड़ा गांव के आदिवासी ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का फैसला किया है |

इन आदिवासी ग्रामीणों का कहना है हम आज भी कच्चे  कुएं पर निर्भर हैं , इसी का पानी जानवर भी पीते हैं और हम भी | गाँव में किसी का घर पक्का नहीं है | सड़क नहीं होने से समय पर इलाज नहीं मिल पाता | बीमार को  ढोकर ले जाना पड़ता है | गाँव की हालत खराब है | चुनाव में सभी आ रहे हैं पर चुनाव खतम होते ही सब गायब हो जायेंगे | हमारी हालत जस की तस ही रह जाएगी |

अब तक जितने भी हमारे वोट से चुनाव जीते बाद में झाँकने तक नहीं आये | इसलिए हमने वोट न देने का फैसला किया है |

 

decision not to voteOdisha Panchayat electionspromises of leaders are falseओडिशा पंचायत चुनावनेताओं के वादे झूठेवोट न डालने का फैसला
Comments (0)
Add Comment