ग्रीन हाइड्रोज़न हब बनने की राह पर गुजरात

ग्रीन हाइड्रोजन एक प्रकार का हाइड्रोजन है जो फॉसिल फ्यूल से इतर ऊर्जा के रिन्युएबल स्रोतों जैसे पवन और सौर ऊर्जा से पैदा की जाती है। गुजरात में स्वच्छ और स्थाई ऊर्जा स्त्रोत के रूप में ग्रीन हाइड्रोज़न के विकास के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।

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ग्रीन हाइड्रोजन एक प्रकार का हाइड्रोजन है जो फॉसिल फ्यूल से इतर ऊर्जा के रिन्युएबल स्रोतों जैसे पवन और सौर ऊर्जा से पैदा की जाती है। गुजरात में स्वच्छ और स्थाई ऊर्जा स्त्रोत के रूप में ग्रीन हाइड्रोज़न के विकास के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।

 -नीलेश शुक्ला

ग्रीन हाइड्रोजन एक प्रकार का हाइड्रोजन है जो फॉसिल फ्यूल से इतर ऊर्जा के रिन्युएबल स्रोतों जैसे पवन और सौर ऊर्जा से पैदा की जाती है। गुजरात में स्वच्छ और स्थाई ऊर्जा स्त्रोत के रूप में ग्रीन हाइड्रोज़न के विकास के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।

ग्रीन हाइड्रोज़न के सबसे अहम लाभों में से एक यह है कि इससे किसी तरह का कोई प्रदूषण नहीं होता है। यही कारण है जो इसे हाइड्रोज़न के पारंपरिक उत्पादन विधियों का उत्तम विकल्प बनाते हैं क्योंकि पारंपरिक उत्पादन विधियां कई तरह की ग्रीन हाउस गैस छोड़ते हैं जो जलवायु परिवर्तन का कारण बनती हैं। इसके अलावा ग्रीन हाइड्रोज़न को ऊर्जा के अन्य रूपों की तरह स्टोर और ट्रांसपोर्ट भी किया जा सकता है जो इसे कई तरह के उपयोगों के लिए बेहतरीन ईंधन बनाता है। वाहनों को चार्ज करने, घरों को गर्म करने और कई औद्योगिक प्रक्रियाओं के लिए ग्रीन हाइड्रोज़न का उपयोग किया जा सकता है।

ग्रीन हाइड्रोज़न का उपयोग

ग्रीन ऊर्जा का उपयोग ट्रांसपोर्टेशन, औद्योगिक प्रक्रियाओं, हीटिंग-कूलिंग और ग्रिड स्टोरेज जैसे कई कामों के लिए किया जा सकता है। ऐसी उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर ग्रीन हाइड्रोज़न का सबसे बड़ा बाज़ार होगा।

गुजरात में ग्रीन हाइड्रोज़न के विकास के लिए कई पहलें की जा रही हैं। उदाहरण के लिए, गुजरात सरकार ने राज्य में ग्रीन हाइड्रोज़न हब स्थापित करने की योजना की घोषणा की है, जो ग्रीन हाइड्रोज़न के उत्पादन और वितरण के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और टेक्नोलॉजी के विकास पर केंद्रित होगा।

गुजरात में कई उभरती हुई रिन्युएबल एनर्जी कंपनियां मौजूद हैं जैसे टाटा पावर और अडानी ग्रीन एनर्जी। ये कंपनियां गुजरात में ग्रीन हाइड्रोज़न उत्पादन की संभावनाओं को तलाशने के लिए नए-नए प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही हैं और इस दिशा में रिसर्च एंड डिवलपमेंट के लिए अच्छा-ख़ासा निवेश कर रही हैं। इन प्रोजेक्ट से ग्रीन हाइड्रोज़न के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा जो भविष्य में ना केवल गुजरात बल्कि पूरे देश के लिए लाभकारी होगा।

गुजरात में रिन्युएबल एनर्जी रिसोर्स की भरमार है जो ग्रीन हाइड्रोज़न के विकास में एक अहम भूमिका निभाता है। गुजरात, भारत का ऐसा राज्य है जिसे प्रचुर मात्रा में सूरज की रोशनी मिलती है जो इसे सौर-संचालित हाइड्रोज़न उत्पादन के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है। सौर ऊर्जा के अलावा गुजरात, पवन ऊर्जा के क्षेत्र में भी मज़बूत है। यहां के समंदरों के किनारे कई विंड फार्म स्थित हैं।

भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए गुजरात सरकार ने GoG की रणनीति” और “गुजरात के लिए विज़न 2047 डॉक्यूमेंट” के लिए प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की है।

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भारत के लिए हाइड्रोज़न क्यों?

भारत का ऊर्जा आयात आज के $160 बिलियन से बढ़कर 2035 तक $320 बिलियन हो जाएगा।

आज़ादी के 100 साल पूरे होने पर साल 2047 तक नेट-ज़ीरो एनर्जी इंपोर्ट के लिए हाइड्रोजन अनिवार्य

भारत पहले से ही वैश्विक हाइड्रोजन का 8.5% उपभोग करता है: यह एक रणनीतिक लाभ है

भारत इलेक्ट्रोलाइजर और ग्रीन स्टील का नंबर 1 निर्यातक बन सकता है

60 GW हरित हाइड्रोजन से 180 GW सौर मांग पैदा की जा सकती है जो 450 GW का लक्ष्य पूरा करने में योगदान देगी।

गुजरात सरकार ने ग्रीन एनर्जी इकोसिस्टम (ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रोलाइज़र, RE इक्विपमेंट बैटरी स्टोरेज, फ्यूल सेल) को प्रोत्साहन देने के लिए 5 अक्टूबर 2022 को “आत्मनिर्भर गुजरात योजना 2022” की घोषणा की थी। इस योजना के तहत कई छूट भी दी गई हैं जिनमें i) 10 साल के लिए टर्म लोन पर 7% की दर से ब्याज सब्सिडी ii) 10 साल के लिए नेट SGST रिम्बर्समेंट का 100% प्रति वर्ष 8% तक के फिक्स्ड कैपिटनल इन्वेस्टमेंट पर iii) सूक्ष्म उद्यमों को पूंजी निवेश पर 25% तक की सब्सिडी iv) बड़े उद्योग 10 साल तक गुजरात में काम करने वाले नए एम्प्लॉयर के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (Employees Provident Fund ) के तहत नियोक्ता अंशदान (employer contribution) की रिम्बर्समेंट का दावा कर सकते हैं v) गुजरात विद्युत अधिनियम 2003 के तहत लागू विद्युत शुल्क छूट (Electricity duty exemption) शामिल है।

GPCL के माध्यम से गुजरात सरकार ने मौजूदा संभावित हाइड्रोजन उत्पादकों/उपभोक्ताओं जैसे GNFC, GSFC एवं अन्य गैस उत्पादकों के लिए ग्रीन हाइड्रोजन स्टेकहोल्डर्स के साथ बातचीत शुरू कर दी है।

भारत की ग्रीन हाइड्रोज़न क्षमता

अपने प्रचुर सौर एवं पवन ऊर्जा स्त्रोतों के कारण भारत अन्य देशों की तुलना में बहुत कम लागत में ग्रीन हाइड्रोज़न का उत्पादन करने में सक्षम है। भारत का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 5 GW ग्रीन हाइड्रोज़न का उत्पादन करना है।

गुजरात को इस क्षेत्र में विभिन्न बड़ी कंपनियों से लगभग 7.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश योजनाएं प्राप्त होने की संभावना है। ग्रीनज़ो एनर्जी इंडिया ने गुजरात में अपने इलेक्ट्रोलाइजर कारखाने के लिए गुजरात सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की। ग्रीनज़ो एनर्जी साणंद में एक इलेक्ट्रोलाइजर निर्माण कारखाना स्थापित करने के लिए अगले कुछ वर्षों में लगभग 500 करोड़ रुपये (60.4 मिलियन डॉलर) का निवेश करेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत 5 MMT ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है, इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए 19000 करोड़ रुपये का आवंटन भी किया गया है।

दुनिया के प्रमुख ग्रीन हाइड्रोज़न उत्पादक

उत्पादन क्षमता के मामले में शीर्ष देश, जर्मनी, नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रेलिया, USA और कनाडा हैं।

कुल मिलाकर, ग्रीन हाइड्रोज़न गुजरात के ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ग्रीन हाइड्रोज़न का उत्पादन जितना ज़्यादा होगा उतना ही जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी। ऐसा होने से गुजरात स्वच्छ एवं स्थाई ऊर्जा के उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ेगा। सही नीतियों और निवेश की मदद से गुजरात ग्रीन हाइड्रोज़न के उत्पादन में भारत का नेतृत्व कर सकता है।

(लेखक नीलेश शुक्ला रेजिडेंट आयुक्त कार्यालय, गुजरात भवन, नई दिल्ली में संयुक्त सूचना निदेशक हैं) 

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