तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को पत्र लिखकर राजभवन के सरकारी आयोजनों में ‘भारत माता’ की तस्वीर के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई है, इसे असंवैधानिक करार दिया.
केरल में राज्य सरकार और राजभवन के बीच ‘भारत माता’ की तस्वीर को लेकर तनाव बढ़ गया है. विवाद तब शुरू हुआ जब 19 जून को राजभवन में स्काउट्स एंड गाइड्स के एक कार्यक्रम में ‘भारत माता’ की तस्वीर प्रदर्शित की गई, जिसमें कथित तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का केसरिया झंडा था. शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने इस तस्वीर के विरोध में कार्यक्रम का बहिष्कार किया और राजभवन पर “राजनीतिक मंच” बनने का आरोप लगाया.
25 जून को, केरल विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में एक अन्य आयोजन में राज्यपाल अर्लेकर ने फिर से ‘भारत माता’ की तस्वीर के सामने दीप प्रज्वलन किया, जिसके बाद सीपीआई(एम) की छात्र इकाई एसएफआई और कांग्रेस की केरल स्टूडेंट्स यूनियन (केएसयू) ने विरोध प्रदर्शन किया. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने इस आयोजन को धार्मिक प्रतीक के आधार पर रोकने की सलाह दी थी, लेकिन अर्लेकर ने इसे नजरअंदाज कर कार्यक्रम में भाग लिया.
26 जून को, मुख्यमंत्री विजयन ने राज्यपाल को पत्र लिखकर स्पष्ट किया कि सरकारी आयोजनों में केवल राष्ट्रीय प्रतीकों का उपयोग होना चाहिए. उन्होंने कहा, “हमारे संविधान में ‘भारत माता’ की अवधारणा को मान्यता नहीं है. तस्वीर में दिखाया गया झंडा आरएसएस का है.” विजयन ने इस तस्वीर को “असंवैधानिक” करार देते हुए राजभवन से ऐसी तस्वीरों का उपयोग बंद करने का आग्रह किया.
राज्य मंत्रिमंडल ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और कानूनी सलाह के आधार पर फैसला किया कि सरकारी कार्यक्रमों में केवल राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह का उपयोग किया जाए. दूसरी ओर, राज्यपाल अर्लेकर ने जवाब में कहा कि ‘भारत माता’ की तस्वीर किसी राजनीतिक विचारधारा से नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता से जुड़ी है.
शिक्षा मंत्री शिवनकुट्टी ने तस्वीर को “धार्मिक प्रतीक” करार देते हुए इसे संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन बताया. उन्होंने कहा कि राजभवन के आयोजनों में ऐसी तस्वीरों का उपयोग “संवैधानिक मूल्यों को कमजोर” करता है. बीजेपी ने विजयन सरकार पर हमला बोला और इसे “राष्ट्रविरोधी” रुख बताया. कांग्रेस ने भी विजयन की चुप्पी पर सवाल उठाए, जिसके बाद उन्होंने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी.
विपक्षी दलों और छात्र संगठनों के विरोध के बीच, यह विवाद सड़कों पर भी पहुंच गया. 25 जून को केरल विश्वविद्यालय में प्रदर्शनकारियों और आरएसएस-बीजेपी समर्थकों के बीच झड़प हुई, जिसे पुलिस ने नियंत्रित किया.
‘भारत माता’ तस्वीर विवाद ने केरल में सरकार और राजभवन के बीच तनाव को और गहरा कर दिया है. यह मामला न केवल संवैधानिक प्रतीकों के उपयोग पर बहस को उजागर करता है, बल्कि राज्य में राजनीतिक ध्रुवीकरण को भी दर्शाता है. जैसे-जैसे यह विवाद बढ़ रहा है, सभी की निगाहें राज्यपाल अर्लेकर के अगले कदम पर टिकी हैं, जो अब तक अपने रुख पर अडिग हैं.