नई दिल्ली: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने देश के कई हिस्सों में मानसून के आगमन की घोषणा के साथ ही नागरिकों के लिए स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए हैं. दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल तट पर पहुंच चुका है और अगले कुछ दिनों में यह दक्षिण, पूर्व और मध्य भारत के कई क्षेत्रों में सक्रिय हो जाएगा. विशेषज्ञों ने मानसून के दौरान स्वस्थ और सुरक्षित रहने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव साझा किए हैं, ताकि बारिश से संबंधित जोखिमों से बचा जा सके.
क्या करें:
- स्वच्छ पानी का उपयोग: मानसून में जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. हमेशा उबला हुआ या फ़िल्टर किया हुआ पानी पिएं. घर में पानी की टंकियों को नियमित रूप से साफ करें और बारिश के पानी को पीने के लिए इस्तेमाल करने से बचें.
- उचित कपड़े और जूते: गीले मौसम में सूती और हल्के कपड़े पहनें, जो जल्दी सूख जाएं. बारिश में फिसलन से बचने के लिए रबर सोल वाले जूते या सैंडल का उपयोग करें.
- घर की सफाई: घर के आसपास पानी जमा न होने दें, क्योंकि यह मच्छरों के प्रजनन का कारण बन सकता है. नालियों को साफ रखें और कीटनाशक का छिड़काव करें.
- स्वास्थ्य सावधानी: बारिश में भीगने के बाद तुरंत कपड़े बदलें और शरीर को सुखाएं. मौसमी बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार से बचने के लिए मच्छरदानी और रिपेलेंट का उपयोग करें.
- आपातकालीन तैयारी: मौसम अपडेट पर नजर रखें और स्थानीय प्रशासन की चेतावनियों का पालन करें. बाढ़ या भूस्खलन के खतरे वाले क्षेत्रों में आपातकालीन किट तैयार रखें, जिसमें दवाएं, टॉर्च और सूखा भोजन शामिल हो.
क्या न करें:
- जमे हुए पानी में न चलें: सड़कों पर जमा पानी में बैक्टीरिया और प्रदूषक हो सकते हैं. इससे त्वचा और पैरों में संक्रमण का खतरा रहता है.
- कच्चा भोजन न खाएं: मानसून में कच्चे सलाद और स्ट्रीट फूड से परहेज करें, क्योंकि ये दूषित हो सकते हैं. हमेशा ताजा और गर्म भोजन का सेवन करें.
- बिजली के उपकरणों का गलत उपयोग: गीले हाथों से बिजली के उपकरण न छुएं और बारिश के दौरान खुले तारों से दूर रहें. बिजली गिरने की स्थिति में पेड़ों या धातु की वस्तुओं के पास न खड़े हों.
- यात्रा में लापरवाही न बरतें: भारी बारिश के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें. यदि यात्रा जरूरी हो, तो वाहन की स्थिति जांच लें और जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहें.
- स्वास्थ्य लक्षणों को नजरअंदाज न करें: बुखार, खांसी या त्वचा पर चकत्ते जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें. देरी से स्थिति गंभीर हो सकती है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी राज्यों को मानसून से संबंधित बीमारियों की रोकथाम के लिए अस्पतालों में विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून का पैटर्न अनिश्चित हो गया है, जिसके चलते पहले से अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है. नागरिकों से अपील की गई है कि वे स्थानीय मौसम अपडेट्स का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में नजदीकी हेल्पलाइन पर संपर्क करें.