इस्लामाबाद: भारत के ऑपरेशन सिंदूर के तहत 10 मई को किए गए सटीक बमबारी हमलों के बाद पाकिस्तान अपने सैन्य ठिकानों पर हुए नुकसान को छिपाने में जुट गया है. इंडिया टुडे द्वारा विश्लेषित 4 जून की हाई-रेजोल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरें दिखाती हैं कि मुरिद, जैकोबाबाद और भोलारी हवाई अड्डों पर टूटी हुई हैंगर और नए गड्ढों को नीले तिरपालों से ढक दिया गया है. यह कदम अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत की कार्रवाई के बाद शुरू हुआ, जिसे पाकिस्तान अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बता रहा है.
भोलारी हवाई अड्डे पर सबसे स्पष्ट मरम्मत का काम दिखता है. ब्रह्मोस मिसाइल से क्षतिग्रस्त एक हैंगर की छत को अब सूरज से फीके पड़े कंक्रीट के रंग से मेल खाने वाली प्रीफैब शीट से ढक दिया गया है. जैकोबाबाद के शाहबाज हवाई अड्डे, जहां पाकिस्तान के एफ-16 स्क्वाड्रन तैनात हैं, में मलबा हटाया गया और अनियमित कैनवास पैनल जोड़े गए. हालांकि, जुलाई की तस्वीरों में अभी भी टूटी हुई ब्लास्ट दीवारें और गायब रडार डोम दिखाई दे रहे हैं. सबसे चौंकाने वाला दृश्य मुरिद हवाई अड्डे का है, जहां एक अहम भूमिगत कमांड सेंटर के पास तीन मीटर चौड़ा गड्ढा अब ग्रे नेटिंग से ढका हुआ है, जो इस बात का संकेत देता है कि एक उच्च-मूल्य लक्ष्य को निशाना बनाया गया.
ये तिरपाल केवल दिखावे के लिए नहीं हैं. मैक्सार टेक्नोलॉजीज की ताजा तस्वीरें दिखाती हैं कि मरम्मत दल रनवे को जल्दबाजी में ठीक कर रहे हैं, नीले तिरपालों का इस्तेमाल नुकसान को छिपाने के लिए किया जा रहा है. स्थानीय मीडिया में लीक हुई एक सैन्य नोटिस के अनुसार, रावलपिंडी और रिसालपुर में सुविधाओं की मरम्मत के लिए निविदाएं मांगी गई हैं. रणनीतिक अनुमानों के मुताबिक, फरवरी में हुए इस हमले ने पाकिस्तान की वायुसेना के 20% बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया और 50 से अधिक लोगों की जान ली, जिनमें स्क्वाड्रन लीडर उस्मान यूसुफ भी शामिल थे.
जियो-इंटेलिजेंस विश्लेषक डेमियन सायमन ने इंडिया टुडे को चेतावनी दी, “नुकसान के दृश्य संकेत अभी भी मौजूद हैं, भले ही उन्हें छिपाने की कोशिश की गई हो, लेकिन मरम्मत पूरी नहीं हुई है.” इसके बावजूद, इस्लामाबाद नुकसान को मामूली बताकर खारिज कर रहा है. आधिकारिक बयानों में दावा किया जा रहा है कि भारत पर जवाबी हमले किए गए, लेकिन सैटेलाइट तस्वीरें इन दावों को झुठला रही हैं.
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस्लामाबाद के दावों को खारिज करते हुए कहा, “यह पाकिस्तान की पुरानी आदत है कि वह हार के बाद भी जीत का दावा करता है.” उन्होंने सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए सच सामने लाने की बात कही.
तिरपालों का यह कवर-अप एक रणनीति का हिस्सा है, जो वाशिंगटन और सीमा पार के विरोधियों का ध्यान भटकाने की कोशिश है. बॉलीवुड की पंक्ति “पर्दे में रहने दो” की तर्ज पर यह कदम कम नाटकीय और ज्यादा हताशा भरा लगता है. ऑपरेशन सिंदूर ने क्षेत्रीय समीकरण बदल दिए हैं, और भले ही यह छिपाने की कोशिश कुछ हफ्तों का समय खरीद ले, लेकिन सैटेलाइट की हर तस्वीर में सच पहले ही दर्ज हो चुका है.