नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के भोपाल में आयोजित ‘महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन’ में कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत के इतिहास में आतंकवाद के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी और सबसे सफल सैन्य कार्रवाई है. उन्होंने इस ऑपरेशन को नारी शक्ति की ताकत का प्रतीक बताया, जिसने आतंकवादियों और उनके समर्थकों को करारा जवाब दिया. यह कार्यक्रम रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया था.
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में आतंकवादियों ने न केवल भारतीयों का खून बहाया, बल्कि देश की संस्कृति और एकता को भी चुनौती दी. इस हमले में 25 पर्यटकों की जान गई थी, जिनमें ज्यादातर पुरुष थे. आतंकवादियों ने धर्म के आधार पर लोगों को निशाना बनाया और उनकी पत्नियों के सामने उनकी हत्या की. मोदी ने कहा, “पहलगाम में आतंकवादियों ने हमारी परंपराओं पर हमला किया. उन्होंने नारी शक्ति को ललकारा, लेकिन यह ललकार उनकी और उनके आकाओं की बर्बादी का कारण बनी.”
ऑपरेशन सिंदूर को उन महिलाओं के सम्मान में नामित किया गया, जो इस हमले में विधवा हो गईं. इस सैन्य कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया. सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. भारतीय वायुसेना ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के प्रमुख केंद्रों को तबाह किया.
मोदी ने कहा कि यह ऑपरेशन न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत अपनी संप्रभुता और सम्मान की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को अब कोई रियायत नहीं मिलेगी.
भोपाल में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों, खुफिया एजेंसियों और वैज्ञानिकों की सराहना की, जिन्होंने इस ऑपरेशन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने कहा, “हमारी सेना ने सिर्फ आतंकी ठिकानों को नष्ट नहीं किया, बल्कि उनके हौसले भी तोड़ दिए.”
इसके साथ ही, मोदी ने रानी अहिल्याबाई होल्कर को याद करते हुए कहा कि उनकी प्रगतिशील सोच और नारी सशक्तिकरण के प्रति समर्पण आज भी प्रेरणा देता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर नारी शक्ति के उस जज्बे को दर्शाता है, जो चुनौतियों के सामने कभी नहीं झुकता.
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विपक्ष ने भी सरकार के साथ एकजुटता दिखाई है. हालांकि, कुछ विपक्षी नेताओं ने सरकार से इस ऑपरेशन के परिणामों और भविष्य की रणनीति पर और पारदर्शिता की मांग की है. दूसरी ओर, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी इस ऑपरेशन पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है. कुछ देशों ने भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का समर्थन किया, तो कुछ ने क्षेत्रीय शांति बनाए रखने की अपील की.
भारत ने स्पष्ट किया है कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य केवल आतंकवाद को खत्म करना था, न कि किसी देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना. सरकार ने यह भी कहा कि इस कार्रवाई में नागरिकों को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए विशेष सावधानी बरती गई.
प्रधानमंत्री के इस बयान और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने देश में एक नई ऊर्जा का संचार किया है. भोपाल की इस सभा में मौजूद हजारों लोगों ने मोदी के संबोधन का तालियों के साथ स्वागत किया. देश अब इस ऑपरेशन के दीर्घकालिक प्रभावों और भारत-पाकिस्तान संबंधों पर इसके असर को लेकर चर्चा में जुटा है.