नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की. परिषद ने पाकिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका पर सवाल उठाए. यह हमला पिछले महीने हुआ था. इसमें 25 पर्यटक और एक कश्मीरी घोड़ा सवार मारे गए थे.
पाकिस्तान ने इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की कोशिश की. लेकिन परिषद ने इसे खारिज कर दिया. सदस्यों ने पाकिस्तान के परमाणु बयानों को तनाव बढ़ाने वाला बताया. हाल के मिसाइल परीक्षणों पर भी चिंता जताई.
पाकिस्तान ने ग्रीस की अध्यक्षता में बंद कमरे में चर्चा की मांग की थी. वह सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है. परिषद में स्थायी सदस्य चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका हैं. अल्जीरिया, डेनमार्क, ग्रीस, गुयाना, पनामा, दक्षिण कोरिया, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया और सोमालिया अस्थायी सदस्य हैं.
चर्चा एक घंटे से ज्यादा चली. परिषद ने हमले की निंदा की. जवाबदेही की जरूरत पर जोर दिया. सदस्यों ने कहा कि पर्यटकों को उनके धर्म के आधार पर निशाना बनाया गया. पाकिस्तान के “झूठे” दावों को खारिज किया. भारत के साथ द्विपक्षीय बातचीत की सलाह दी.
पाकिस्तानी दूत असिम इफ्तिखार ने हमले में किसी भी भूमिका से इनकार किया. उन्होंने भारत के सिंधु जल समझौते को निलंबित करने को गैरकानूनी बताया.
परिषद या भारत की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. ट्यूनीशियाई राजनयिक खालिद मोहम्मद खियारी ने स्थिति को “अस्थिर” बताया. उन्होंने शांतिपूर्ण समाधान की अपील की. ग्रीस के दूत इवांगेलोस सेकेरिस ने बैठक को “उपयोगी” करार दिया.
रूसी राजनयिक ने कहा, “हम तनाव कम होने की उम्मीद करते हैं.”
यूएन प्रमुख एंटोनियो गुतरेस ने हमले की निंदा की. उन्होंने कहा, “नागरिकों को निशाना बनाना अस्वीकार्य है.” दोषियों को कानूनी तरीके से सजा देने की बात कही. उन्होंने दोनों देशों से संयम बरतने को कहा.
22 अप्रैल का पहलगाम हमला दशकों में सबसे घातक था. इसके बाद भारत ने सिंधु जल समझौता निलंबित कर दिया. पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए.