नई दिल्ली। अमृतसर के मनदीप सिंह का अमेरिका में बेहतर भविष्य बनाने का सपना तब टूट गया जब उन्हें अवैध तरीके से मैक्सिको के तिजुआना से अमेरिका में प्रवेश करने के दौरान यूएस बॉर्डर पेट्रोल ने गिरफ्तार कर लिया. मनदीप को अमेरिका में कानूनी प्रवेश का वादा किया गया था, लेकिन उन्हें मगरमच्छ और सांपों से भरे खतरनाक रास्तों, भूख, और सिख होने के बावजूद दाढ़ी कटवाने जैसी यातनाओं का सामना करना पड़ा.
मनदीप उन 112 भारतीयों में शामिल थे, जिन्हें रविवार देर रात अमृतसर पहुंचे एक अमेरिकी सैन्य विमान के जरिए देश वापस भेजा गया. यह डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा अवैध आप्रवासन पर कड़ी कार्रवाई के बीच भारत वापस भेजे गए भारतीयों का तीसरा समूह था. इससे एक दिन पहले ही 116 भारतीयों को देश वापस भेजा गया था.
38 वर्षीय मनदीप ‘डंकी रूट’ का शिकार हुए, जो अमेरिका में प्रवेश के लिए अवैध और खतरनाक रास्ता है. उन्होंने एक ट्रैवल एजेंट को 40 लाख रुपये दिए थे, जिसने उन्हें एक महीने में कानूनी तरीके से अमेरिका पहुंचाने का वादा किया था. हालांकि, दिल्ली, मुंबई, नैरोबी, एम्स्टर्डम और अन्य जगहों से होते हुए सूरीनाम पहुंचने के बाद उन्हें अतिरिक्त 20 लाख रुपये देने के लिए मजबूर किया गया.
उनकी यात्रा ने उन्हें दक्षिण अमेरिका के खतरनाक इलाकों से गुजारा, जिसमें गुयाना, बोलीविया, इक्वाडोर और पनामा के जंगल शामिल थे. पनामा के जंगलों में सशस्त्र सब-एजेंटों ने उन्हें चेतावनी दी कि प्रक्रिया पर सवाल उठाने की कीमत उनकी जान हो सकती है.
13 दिनों तक, मनदीप और अन्य लोगों ने मगरमच्छ और सांपों से भरे 12 नहरों को पार किया, जिसमें उनके पास केवल लाठियां ही सुरक्षा के लिए थीं. वे आधे पके रोटी और नूडल्स पर जीवित रहे और रोजाना 12 घंटे तक यात्रा करते रहे.
कोस्टा रिका, होंडुरास और निकारागुआ को पार करने के बाद, मनदीप ग्वाटेमाला पहुंचे, जहां उन्होंने तिजुआना जाने से पहले दही-चावल खाया. हालांकि, अमेरिका में प्रवेश करने से पहले उन्हें जबरन दाढ़ी कटवाने के लिए मजबूर किया गया.
27 जनवरी को अमेरिकी अधिकारियों ने उनके समूह को गिरफ्तार कर लिया और एक डिटेंशन सेंटर में रखा, जिसके बाद उन्हें भारत वापस भेज दिया गया. यह निर्वासन अवैध आप्रवासन पर बढ़ती कार्रवाई का हिस्सा है, जिसमें हाल के हफ्तों में अमेरिका ने 300 से अधिक भारतीयों को वापस भेजा है. पहला सैन्य विमान, जिसमें 104 भारतीय प्रवासी थे, 5 फरवरी को अमृतसर पहुंचा था.