बंजरग की पत्नी सुनीता ने बताया, वे मुझे टिप्स देते हैं कि कैसे क्या करना

टोक्यो ओलंप‍िक के दंगल में भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया ने इतने सटीक दांव चले कि बड़े-बड़े दिग्गज रेसलर भी चारों खाने चित हो गए।

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नई दिल्ली । टोक्यो ओलंप‍िक के दंगल में भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया ने इतने सटीक दांव चले कि बड़े-बड़े दिग्गज रेसलर भी चारों खाने चित हो गए।

टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले बजरंग पुनिया स्टार रेसलर ने तो अपने मेडल जीतने की कहानी सुनाई ही साथ ही उनकी पत्नी ने भी एक दिलचस्प बताया।

बता दें कि बजरंग की शादी महिला पहलवान से हुई है। उनकी पत्नी का नाम संगीता फोगाट है। संगीता एक रेसलर फैमिली से आती हैं।

संगीता कहती हैं कि एक रेसलर की मैदान में और घर में अलग जिम्मेदारी होती है। रेसलिंग के लिए डेडिकेशन, मेहनत, फोकस की जरूरत होती है।

जब संगीता से पूछा गया कि उनके पति बजरंग पुनिया उनसे सीनियर हैं,क्या वहां आपको कुश्ती के टिप्स देते हैं? इस पर संगीता कहती हैं कि बिल्कुल, क्योंकि अधिकतर हमारी बातें रेसलिंग से ही शुरू होती हैं।

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बजरंग की पत्नी संगीता कहती हैं, ‘जब हम ट्रेनिंग के लिए बाहर होते हैं,तब मैं अपने कुश्ती के वीडियो बनाकर इन्हें (बजरंग) भेजती हूं। तब ये मुझे टिप्स देते हैं कि कैसे क्या करना है।

एक पत्नी के रूप में एक और रेसलर के रूप में बजरंग से काफी कुछ सीखने को मिलता है।क्योंकि ये इतने बड़े खेल चुके हैं और इनके पास अनुभव भी है।

ओलंपिक में कांस्य पदक मैच को याद करते हुए संगीता कहती हैं कि बजरंग ने कहा था कि अब लड़ना है तो लड़ना है। भले इस बार कांस्य मिला अगली बार गोल्ड के लिए मेहनत करनी है। उनके इन्हीं सब अनुभवों से मुझे भी मदद मिलती है।

वहीं बजरंग ने बताया कि उन्होंने 7 या 8 साल की उम्र में रेसलिंग शुरू कर दी थी।इतना ही नहीं शुरुआती दौर में जिस भी टूर्नामेंट में भाग लिया वहां पहली बार में ही मेडल जीता।

बजरंग का कहना है कि मेरे पिता का सपना था कि उनका एक बेटा पहलवान बने।इसकारण मैंने बचपन में ही पहलवानी शुरू कर दी थी। वैसे पहलवानी शुरू करने की कोई उम्र नहीं होती, लेकिन जितनी कम उम्र में शुरू करते हैं, उतना फायदा होगा।

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