बाढ़ राहत कैंप में भिड़े मुखिया और पूर्व मुखिया के समर्थक, लाठी और कुर्सी चलाकर एक-दूसरे को मारा

राजधानी पटना के मालसलामी थाना क्षेत्र में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई। जब मुखिया और पूर्व मुखिया के समर्थक आपस में भीड़ गए। पटना के दीदारगंज कटरा बाजार समिति परिसर में बनाए गए बाढ़ राहत शिविर में जमकर कुर्सियां चली और...

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 पटना,17 |  राजधानी पटना के मालसलामी थाना क्षेत्र में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई। जब मुखिया और पूर्व मुखिया के समर्थक आपस में भीड़ गए। पटना के दीदारगंज कटरा बाजार समिति परिसर में बनाए गए बाढ़ राहत शिविर में जमकर कुर्सियां चली और लोगों ने एक-दूसरे को लाठी डंडे से खूब पीटा। इस घटना का वीडियो भी सामने आया हैजो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया है।

बाढ़ राहत शिविर में हुए इस खूनी संघर्ष में एक व्यक्ति का सिर फट गया जबकि कई अन्य लोग बुरी तरह चोटिल हो गए। इस घटना के बाबत बताया जा रहा है कि राघोपुर प्रखंड के मोहनपुर पंचायत के पूर्व मुखिया शिव सागर राय और बर्तमान मुखिया मंटू सिंह ने एक दूसरे की पिटाई की है। बता दें कि राघोपुर में बाढ़ आई हुई है, जिसके चलते बाढ़ पीड़ित इसी बाज़ार समिति में पलायन कर शरण लिए हुए है। राघोपुर के अंचल कार्यालय को भी बाजार समिति में अस्थाई रूप से शिफ्ट कर दिया है।

इस अस्थायी अंचल कार्यालय में सारे जिसमे सारे पदाधिकारी बैठा करते हैं और यही से कार्यालय के सारे कार्य किए जाते हैं। इसी कार्यालय के बाहर जमकर मारपीट हुई है। घटना को लेकर पूर्व मुखिया शिव सागर राय ने बताया कि राघोपुर का प्रखंड कार्यालय को बाढ़ आने के बाद बाजार समिति में ही शिफ्ट किया गया है और हमारे पंचायत में भी बाढ़ आया हुआ है। जिसके बाद सीओ से नाव की मांग की थी, जिसका परमाना लेने के लिए हमलोग आये थे।

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इसी बीच दूसरा पक्ष बर्तमान मुखिया मंटू राय और उसके समर्थकों ने कार्यालय के बाहर ही हमारे पक्ष के लोगों को जमकर पीटा, जिसमें कई लोग घायल हो गए। जिनका इलाज़ निजी मेडिकल हॉल में कराया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर हंगामा शांत होने के बाद मोहनपुर के मुखिया विनय भूषण उर्फ मंटू ने कहा कि सूचना मिली थी कि चार नाव का परिचालन हो रहा है लेकिन जांच में नाव कहीं नहीं दिखी। परेशान लोगों के बीच इसी बात को लेकर हंगामा हुआ है।

उधर मालसलामी थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने बताया कि नाव परिचालन को लेकर दोपहर में हुए विवाद के बाद वर्तमान और पूर्व मुखिया समर्थकों के बीच मारपीट हुई। किसी पक्ष की ओर से लिखित आवेदन नहीं दिया है। एसडीओ मुकेश रंजन ने बताया कि शिविर में राघोपुर दियारा के विभिन्न गांव के लगभग दो सौ लोग रह रहे हैं। यहां राघोपुर का प्रखंड कार्यालय भी काम कर रहा है।

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