केंद्र ने कोविड-19 स्थिति की समीक्षा की, राज्यों को सतर्कता और तैयारियों के निर्देश

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नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कोविड-19 की मौजूदा स्थिति और सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठकें कीं. यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी.

2 और 3 जून को आयोजित इन बैठकों की अध्यक्षता स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉ. सुनीता शर्मा ने की. इसमें आपदा प्रबंधन सेल, आपातकालीन प्रबंधन प्रतिक्रिया (ईएमआर) सेल, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी), और दिल्ली के प्रमुख केंद्रीय सरकारी अस्पतालों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारी वर्चुअल रूप से शामिल हुए.

4 जून तक, भारत में कोविड-19 के 4,302 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं, जो पिछले 24 घंटों में 864 मामलों की वृद्धि दर्शाता है. अधिकांश मामले हल्के हैं और मरीज घर पर ही उपचार ले रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, 1 जनवरी 2025 से अब तक 44 मौतें हुई हैं, जिनमें ज्यादातर पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोग शामिल हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को ऑक्सीजन, आइसोलेशन बेड, वेंटिलेटर, और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. 2 जून को राष्ट्रीय स्तर पर एक मॉक ड्रिल आयोजित की गई, जिसमें ऑक्सीजन आपूर्ति प्रणालियों जैसे पीएसए प्लांट, तरल चिकित्सा ऑक्सीजन टैंक, और एमजीपीएस पाइपलाइनों की तैयारियों का आकलन किया गया. 4 और 5 जून को सुविधा-स्तर पर और मॉक ड्रिल निर्धारित हैं.

निगरानी को और सघन किया जा रहा है. आईडीएसपी के तहत राज्य और जिला निगरानी इकाइयां इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के मामलों पर कड़ी नजर रख रही हैं. सभी अस्पतालों में भर्ती एसएआरआई मामलों और 5% आईएलआई मामलों की जांच की जाएगी. पॉजिटिव एसएआरआई मामलों के नमूने आईसीएमआर के वीआरडीएल नेटवर्क के माध्यम से पूर्ण जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे जा रहे हैं.

मंत्रालय ने जनता के लिए एक सलाह जारी की है, जिसमें हाथ की स्वच्छता बनाए रखने, खांसी के शिष्टाचार का पालन करने, और बीमार होने पर भीड़भाड़ वाली जगहों से बचने की अपील की गई है. तीव्र श्वसन बीमारी का सामना कर रहे लोगों को स्व-निगरानी और लक्षण बिगड़ने पर चिकित्सा सहायता लेने की सलाह दी गई है.

अधिकारियों ने जोर दिया कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन वायरस के प्रसार को रोकने के लिए निरंतर सतर्कता और तैयारियां जरूरी हैं.

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