भूपेश के बजट में गाँव,मजदूर, किसान पर जोर  

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रायपुर| मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज छत्तीसगढ़ का 97 हजार 106 करोड़ के वार्षिक बजट पेश किया। बजट में कोरोना महामारी के दुष्प्रभावों का असर दिखा है। बजट के नये प्रावधानों में खेतिहर मजदूरों के लिए न्याय योजना की घोषणा की गई है। वहीं बस्तर संभाग के सभी सात जिलों के लिए बस्तर टाइगर्स नाम से पुलिस बल के गठन से बदलाव की कोशिश दिख रही है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, इस बजट में अंग्रेजी के शब्द HEIGHT के हर अक्षर से विकास के विभिन्न आयामों को परिभाषित करने की कोशिश की गई है। इसमें H से होलिस्टिक डेवलपमेंट यानी समग्र विकास, E से एजुकेशन यानी सबके लिए समान शिक्षा, I से इंफ्रास्ट्रक्चर यानी विकास की पोषक अधोसंरचना, G से गवर्नेंस यानी संवेदनशील एवं प्रभावी प्रशासन, H से हेल्थ यानी स्वस्थ तन और T से ट्रांसफार्मेशन यानी जनता के लिए बदलाव का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री ने बताया, बस्तर संभाग के सात जिलों के लिए बस्तर टाइगर्स नाम से पुलिस के नये बल का गठन किया जाएगा। इस बल में माओवाद प्रभावित गांवों के युवाओं को भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार की कोशिश है कि इस बल के जरिए नक्सलियों के कब्जे वाले कोर इलाके में रणनीतिक बढ़त ली जाए।मुख्यमंत्री ने कहा, यह बजट राज्य के किसानों और कमजोर वर्गों की समृद्धि, गांवों की आर्थिक प्रगति, शिक्षा की गुणवत्ता, चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार, युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के अवसर बनाने और अधोसंरचना को तेजी से विकसित करने की भावना के साथ प्रदेश के लोगों को समर्पित है।

मुख्यमंत्री ने बताया, गांवों में भूमिहीन खेतिहर मजदूरों की मदद के लिये नयी न्याय योजना शुरू होगी। सरकार ने पिछले वर्ष के बजट में किसानों के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की थी। इसके तहत धान सहित 14 फसलों का उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रुपये की इनपुट सहायता दी जाती है। संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री ने बताया, किसान न्याय योजना में उन किसानों को भी शामिल करने की काेशिश हो रही है जो समर्थन मूल्य पर धान नहीं बेचते हैं। इसके अलावा मछली पालन को कृषि का दर्जा दिया जाएगा।

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  ग्रामीण क्षेत्रों की पंरपरागत कला-कौशल और उद्यमों को रोजगार से जाेड़ने के लिए गोठानों से लगे क्षेत्रों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना होगी। वहीं छत्तीसगढ़ के स्थानीय कृषि, लघुवनोपज और हस्तशिल्प उत्पादों के विपणन के लिए सी-मार्ट स्टोर खोले जाएंगे। इसकी शुरुआत राजधानी रायपुर से होगी। उसके बाद सभी संभाग मुख्यालयाें में यह स्टोर खुलेगा। प्रदेश के बाहर भी यह स्टोर खोला जाना है। यहां ढेकी से कूटा हुआ चावल, घानी से निकाला हुआ तेल, कोदो, कुटकी, मक्का से लेकर सभी दलहनी फसलें, इमली, महुआ, हर्रा, बहेड़ा, आंवला, शहद, फूलझाड़ू, टेराकोटा, बेलमेटल, बांस उत्पाद, चमड़े के सामान, लौहशिल्प, कोसा सिल्क और छत्तीसगढ़गी व्यंजनों को एक ही छत के नीचे विक्रय के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

  सरकार ने भोपाल में बने भारत भवन की तर्ज पर नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक परिक्षेत्र का निर्माण होगा। वहीं मानव विकास का क्रम, रहन-सहन, तीज-त्यौहार, प्राचीन कला अौर परंपरागत कलाओं के प्रदर्शन के लिए मानव संग्रहालय का भी निर्माण होगा। प्रदेश की पुरातात्विक धरोहरों के संरक्षण के लिए अलग से पुरातत्व संचालनालय का गठन होगा। अभी पुरातत्व आैर संस्कृति के काम एक ही संचालनालय से संचालित होते हैं।

प्रदेश भर में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना के तहत 119 नये स्कूल खोले जाएंगे। नवा रायपुर में राष्ट्रीय स्तर का एक निजी बोर्डिंग स्कूल खोला जाना है। इसमें पढ़ने वाले अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों की शुल्क प्रतिपूर्ति सरकार करेगी। कांकेर में एक बीएड कॉलेज खोला जाएगा। कोरिया जिले के नागपुर, जशपुर के सन्ना, कोरबा के बाकी मोंगरा, रायपुर के नवागांव दुर्ग के रिसाली, जांजगीर-चांपा के सारागांव में नये महाविद्यालय खोले जाएंगे। उसके साथ ही सूरजपुर, बलरामपुर और रायपुर के गोबरा-नवापारा में नये कन्या महाविद्यालय खोलने की घोषणा हुई है। रायपुर के टेकारी और बिलासपुर जिले के नेवरा में नये ITI खोले जाने हैं।

  सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में वायरोलॉजी लैब के लिए 63 नये पद बनाकर भर्ती होगी। जशपुर के सन्ना और जांजगीर-चांपा जिले के शिवरीनारायण में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनेंगे। भिलाई के रिसाली में एक 30 बिस्तर अस्पताल की स्थापना होगी। 25 उप स्वास्थ्य केंद्र और 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी बजट में शामिल हैं। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक चालू रहेगा।

बजट में 11 नयी तहसीलों के गठन की घोषणा हुई है। इसमें सारागांव, नांदघाट, सुहेला, सीपत, बिहारपुर,चांदो, रघुनाथपुर, सरिया, छाल, अजगरबहार और बरपाली शामिल हैं। लोहांडीगुड़ा, भैयाथान, पाली, मरवाही और तोंकापाल में अनुविभागों का गठन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा, इससे प्रशासन तक लोगों की पहुंच आसान होगी।

 

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